आखिरकार हमारे गुजरात के 1200 प्रवासी उत्तराखंड उत्तराखंड आ चुके हैं। और सैकडों अभी आने बाकी हैं।
आप सभी लोग उत्तराखंड सरकार को इस प्रयास के लिए बधाई दे रहे होंगे और उत्तराखंड सरकार खुद भी अपनी पीठ ठोंक रही है लेकिन आपको हम हकीकत से रूबरू करा दें कि गुजरात से इस लाॅकडाउन में 1200 प्रवासियों को उत्तराखंड लाने का दम उत्तराखंड सरकार का नहीं बल्कि उत्तराखंड के एक गुजरात निवासी बेटे डॉक्टर देवेश्वर भट्ट और उनकी टीम का है। आखिर इतना बड़ा सच छुपा कर असली हीरो का नाम तक छुपा गई। भट्ट कहते है कि सरकार ने सिर्फ भुगतान किया है इसके अलावा सारा काम उनकी टीम ने किया। भट्ट पंद्रह दिन से इस काम मे लगे थे।
एक धन्यवाद आभार तो बनता था !
जरूर देखिए वीडियो क्या कहती हैंं सपना
मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के निवासी देवेश्वर भट्ट गुजरात में एक कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं तथा उत्तराखंड समाज सूरत के अध्यक्ष भी हैं।
बहुत कम लोग जानते होंगे कि डॉक्टर देवेश्वर भट्ट का प्रवासियों की उत्तराखंड वापसी में कोई योगदान भी है, लेकिन हकीकत यह है कि देवेश्वर भट्ट ने अपनी टीम के दम पर यह 1200 टिकट ही नहीं कराई, बल्कि गुजरात सरकार से लेकर रेलवे तक से पूरी जी तोड़ कोशिश के बाद यह ट्रेनें गुजरात से उत्तराखंड के लिए चलवाई है। भट्ट कहते है कि यदि सरकार भुगतान नही भी करती तो वह इसका भुगतान भी कर देते।
लेकिन इन देवेश्वर भट्ट का नाम ना तो हमारे रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लिया और ना ही उत्तराखंड सरकार ने।
देवेश्वर भट्ट की बिटिया ममता भट्ट ने जब सोशल मीडिया में 1200 टिकटों को दिखाते हुए अपने पापा के प्रयास से अवगत कराया तो एक बारगी लोग देखते ही रह गए।
गुजरात के सूरत उत्तराखंड समाज के अध्यक्ष देवेश्वर भट्ट कहते हैं कि जब उन्होंने अपने उत्तराखंड जाने के लिए इच्छुक लोगों की बातें सुनी तो फिर तय किया कि वह किसी भी तरीके से उत्तराखंडियों को उत्तराखंड भेजेंगे और उन्हीं का परिणाम है कि उन्होंने 1200 टिकट बुक करके प्रवासियों को हल्द्वानी पहुंचाया।
11 तारीख को यह ट्रेन गुजरात से चली थी और इसके अलावा अन्य 1400 लोगों को भी हरिद्वार के लिए रवाना कर दी थी। यह ट्रेन आज 12 मई को चली है।
रेडियो जॉकी और देवेश्वर भट्ट की बेटी सपना भट्ट कहती हैं कि पहले तो उन्हें और उनके परिवार को भी विश्वास नहीं था कि वह इतना कठिन कार्य कर पाएंगे, लेकिन जब उनकी लगन देखी और उन्होंने कर दिखाया तो वह भी अपने पिता पर बेहद गर्व महसूस करती हैं। इसके साथ ही सपना भट्ट गुजरात सरकार और जिला प्रशासन को भी सहयोग के लिए धन्यवाद और शुक्रिया करना नहीं भूलती कि उन्होंने उत्तराखंड के समाज की मदद करने में कोई कसर नहीं रखी।