उत्तराखंड के बुनियादी मुद्दों को उठाने के एवज में उत्तराखंड सरकार जल्दी ही पर्वतजन को एक और इनाम देने की तैयारी कर रही है।
इसके लिए पर्वतजन के खिलाफ जल्दी ही गैंगस्टर लगाने की तैयारी की जा रही है। दो साल पहले पर्वतजन न्यूज़ पोर्टल ने इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 9 अक्टूबर 2018 को उद्योगपति गौतम अडानी से संबंधित एक खबर प्रकाशित की थी।
इस खबर के चलते सरकार ने अपनी छवि धूमिल करने के आरोप में पर्वतजन के खिलाफ गढ़ी कैंट थाने में 10 अक्टूबर 2018 को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डेढ साल से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद अब अचानक सरकार उस मुकदमे को पुनर्जीवित कर पर्वतजन के खिलाफ चार्जशीट लाकर गैंगस्टर लगाने की तैयारी कर रही है।
देखिए वीडियो
पहले से सोशल मीडिया मे वायरल वीडियो पर बनाई थी खबर
गौरतलब है कि 8 अक्टूबर 2018 को सोशल मीडिया में तमाम कांग्रेस के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इन्वेस्टर्स समिट की पोल खोलने वाला एक वीडियो अपलोड किया था। जब यह वीडियो उत्तराखंड में बेहद वायरल हो गया तो इसके एक दिन बाद 9 अक्टूबर को पर्वतजन ने इस वायरल वीडियो को लेकर खबर बनाई थी।
सबने चलाई खबर ,मुकदमा सिर्फ पर्वतजन पर
पर्वतजन के अलावा यह खबर एक दर्जन से भी अधिक न्यूज़ चैनल और न्यूज़ पोर्टल ने भी बनाई थी, किंतु सरकार की ओर से सूचना विभाग के सहायक निदेशक रवि बिजारनिया ने सिर्फ पर्वतजन के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करा दिया।
सरकारी तहरीर पर दो दिन मे मुकदमा
अहम सवाल यह है कि यह वीडियो पहले से ही सोशल मीडिया में वायरल हो रखा था। समाज मे चर्चा का विषय बने इस विषय पर खबर बनाया जाना कहीं से भी कानूनन गलत नहीं है।
सरकार की मंशा पर सवाल
इसके अलावा सरकार की मंशा पर सवाल तब खड़ा हुआ, जब एक और व्यक्ति ने सूचना विभाग के सहायक निदेशक रवि बिजारनिया की तरह ही एक और तहरीर कैंट थाने में दी, लेकिन यह तहरीर पर्वतजन से पहले अडानी के वीडियो को फेसबुक पर अपलोड करने वाले तमाम बड़े नेताओं तथा इस खबर को चलाने वाले अन्य मीडिया संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर थी।
इस तहरीर पर कैंट थाने ने डेढ़ साल से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया।
दूसरी हूबहू तहरीर पर दो साल से भी विचार नही
दूसरी तहरीर पर मुकदमा क्यों नही !
पर्वतजन ने उस दूसरी तहरीर से संबंधित सभी सबूत पास भी ले लिए और जब पुलिस से दूसरी तहरीर को छोड़कर सिर्फ पर्वतजन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का कारण पूछा तो पुलिस अफसरों का कहना था कि उन्हें सिर्फ पर्वतजन के खिलाफ ही कार्यवाही करने के निर्देश मिले हैं।
इससे आप समझ सकते हैं कि सरकार किस तरह से पर्वतजन के खिलाफ एन केन प्रकारेण आपराधिक साजिश मे फंसाना चाहती है।
पर्वतजन के खिलाफ गैंगस्टर की तैयारी
पिछले दिनों पर्वतजन को जानकारी मिली कि कुछ अधिकारियों ने पर्वतजन के खिलाफ इस मामले को लेकर लीगल राय मशवरा किया और जब उन्हें यह बताया गया कि यह मुकदमा बेहद कमजोर है, इसमें तुरंत जमानत हो जाएगी तो फिर यह प्लान किया गया कि पर्वतजन के खिलाफ किसी तरह से गैंगस्टर लगा दिया जाए, ताकि इस बार जब पर्वतजन के पत्रकार जेल जाएं तो फिर उनकी आसानी से जमानत ना हो।
आजकल पर्वतजन के खिलाफ गैंगस्टर लगाए जाने के लिए ही होमवर्क चल रहा है।
किसका टूल है सूचना सहायक निदेशक !
रवि बिजारनिया ने अपनी शिकायत में कहा है कि पर्वतजन न्यूज़ पोर्टल द्वारा अपलोड किए गए वीडियो की स्क्रीन पर “वन साइड इन फेयर ऑफ गवर्नमेंट” दर्शाया गया है जबकि उसी वीडियो को सुनने पर साफ जाहिर है कि “वन साइड इन फेवर ऑफ गवर्नमेंट” कहा गया है।”
सवाल उठता है कि उक्त वीडियो में प्रयुक्त सिर्फ फेवर और फियर शब्द को आधार बनाकर पर्वतजन के खिलाफ मुकदमा कैसे दर्ज किया जा सकता है !
जब वह वीडियो ना तो पर्वतजन द्वारा बनाया गया था और ना ही पर्वत जन द्वारा सोशल मीडिया में अपलोड किया गया। पर्वतजन द्वारा सिर्फ इस पर खबर बनाई गई थी।
जन-समर्थन की बदौलत, पर्वतजन के हौसले बुलंद
पर्वतजन ने तो सिर्फ पहले से ही सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर खबर प्रकाशित की। लेकिन जब किसी नगरी में अंधेर हो और वहां का राजा चौपट हो तो फिर जन मुद्दों को उठाने वाले पर्वतजन जैसे मीडिया को ऐसे मुकदमों के लिए भी सहर्ष तैयार रहना चाहिए। बहरहाल पिछली जेल यात्रा के बाद जनता के अपार समर्थन की बदौलत पर्वतजन के हौसले बेहद बुलंद हैं। और चाहे कितनी भी बाहर जेल क्यों न जाना पड़े, पर्वतजन जनता की आवाज को कमजोर नही पड़ने देगा।