श्रीनगर में क्वारंटीन एक ड्राइवर ने उसकी मेडिकल जांच न किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि बडियारगढ़ का एक संक्रमित व्यक्ति उसकी गाड़ी में आया था। सबकी जांच की गई, लेकिन ड्राइवर को छोड़ दिया गया।
श्रीनगर चौरास के एक प्राइमरी स्कूल में क्वारंटीन किए गए एक ड्राइवर ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उसका कहना है कि उनकी गाड़ी में 11 मई को यात्रा करने वाला बडियारगढ़ का एक व्यक्ति पॉजीटिव आया है। ऐसे में उस दौरान वाहन में यात्रा करने वाले सभी लोगों के सेंपल की जांच की जानी चाहिए थी, लेकिन कई बार की गुहार के बाद भी एक स्कूल में उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया है। उन्हें लोग ऐसी निगाहों से देख रहे हैं, जैसे वह किसी और दुनिया से आए हों। फोन करने पर कोई फोन नहीं उठा रहे हैं। खाने और पानी तक नहीं दिया जा रहा है। ड्राइवर का आरोप है कि वह इस सेंटर में आधा बीमार हो गया है। अगर उन्हें कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? मेरे बच्चे छूट जाएंगे तो क्या सरकार इसकी जिम्मेदारी लेगी?
उनका कहना है कि ड्राइवर का शोषण किया जा रहा है। जब उनके साथ आए अन्य कर्मचारियों व होमगार्ड के सेंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं तो उनका सेंपल क्यों नहीं भेजा गया? ड्यूटी पर न जाएं तो उन्हें कहा जाता है कि आपको जेल हो जाएगी और उनका लाइसेंस जब्त कर दिया जाएगा।
इस प्रकार रोजाना सैकड़ों लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने वाले ड्राइवरों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, इस वीडियो को देखकर आप आसानी से समझ सकते हैं।
हालांकि ड्राइवर ने इस प्रकरण को श्रीनगर तहसील से संबंधित बताया है लेकिन हकीकत यह है कि यह प्रकरण कीर्ति नगर तहसील से संबंधित है।
बुखार होने पर भी नहीं आ रही मेडिकल टीम
ग्राम डबराड में क्वारंटीन सेंटर में 48 लोगों को रखा गया है। ग्राम डबराड के निवासी पंकज रावत बताते हैं कि इन लोगों को 2 स्कूलों में रखा गया। जिनमें से एक स्कूल में रखे 15 लोगों के 14 दिन पूरे हुए बिना ग्राम प्रधान द्वारा घर भेज दिया गया।
इसके अलावा दूसरे स्कूल में 6 लोगों के 14 दिन पूरे नहीं हुए वहीं कुछ लोगों को 8 ही दिन हुए। इसके अलावा दो लड़कियों को सात-आठ दिनों से बुखार था। शिकायत और सूचना दिए जाने के बावजूद उनकी स्वास्थ्य जांच के लिए कोई नहीं आया।
14 दिनों के क्वारंटीन के उल्लंघन और बुखार होने के बावजूद स्वास्थ्य जांच न किए जाने से क्वारंटीन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
चौदह दिनों से पहले ही घर भेज दिए प्रवासी
पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल ब्लॉक में क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासियों को छह दिन में ही घर भेज दिया गया। इससे क्वारंटीन व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
ग्राम नावेतली में प्राथमिक विद्यालय में 9 मई से क्वारंटीन सेंटर खोला गया। यहां प्रवासी क्वारंटीन किए गए, लेकिन बताया गया कि उन्हें छह दिन बाद ही बिना स्वास्थ्य परीक्षण के घर भेज दिया गया है।
ग्राम प्रधान का कहना है कि जगह की कमी के कारण उन्हें घर भेज दिया गया। इसके बाद वहां नए लोग क्वारंटीन किए गए हैं।