बाल विकास विभाग उत्तराखंड के द्वारा महिला आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्वास्थ्य संबंधित समस्या होने पर उपचार की सुविधा नहीं दी जा रही थी, जबकि बाकी सभी सरकारी विभाग द्वारा कर्मचारियों को यू हेल्थ कार्ड एवं प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को ईएसआईसी कार्ड बना कर दिए जाते हैं, जिससे बीमारी होने पर उपचार हॉस्पिटल में नि:शुल्क प्राप्त किया जा सकें, लेकिन वहीं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश की महिला आंगनबाड़ी कायकत्रियों को ऐसी कोई सुविधा नहीं दी जा रही, जिससे बीमारी होने पर उपचार नि:शुल्क प्राप्त किया जा सकें।
इसी मामले को आकाश कुमार सैनी (आरटीआई एक्टिविस्ट) हरिद्वार ने मानव अधिकार आयोग उत्तराखंड में उठाया है।
मानव अधिकार आयोग उत्तराखंड के समक्ष एक जून 2020 को एक शिकायत प्रस्तुत किया गया, जिसमें विभाग द्वारा महिलाओं को स्वस्थ्य उपचार की सुविधा नहीं मिलना महिलाओं का शोषण बताया गया था।
शिकायत का संज्ञान लेकर 5 जून 2020 को उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग ने निदेशक, बाल विकास परियोजना उत्तराखंड को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया है।