कुलदीप राणा ‘आजाद’/रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग में कोरोना अथवा गर्भवती महिलाओं या अन्य गंभीर मरीजों के लिए भले ही एंबुलेंस न मिले, लेकिन 108 सेवा के स्टाफ के टशन में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। एक तरफ कोरोना महामारी में स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है, तो वही कुछ स्वास्थ्य कर्मी सरकारी खर्चे में सैर सपाटा कर सरकार वाहन का दुरुपयोग तो कर ही रहे हैं बल्कि स्वास्थ विभाग का माखौल भी उडा रहे हैं। मामला सोशल मीडिया में उस वक्त आया जब जनपद के चोपता कनचौरी क्षेत्र 108 वाहन पहुंचा। गांव के नजदीक आपातकालीन सेवा 108 पहुंची तो ग्रामीण एम्बुलेंस को देख हैरान-परेशान हो गए।
दरअसल कार्तिक स्वामी मंदिर के आधार शिविर कनकचौरी में आज 108 वाहन संख्या (UK07GA0216) आपातकालीन वाहन पहुंचा तो लोग इस बात को लेकर भयभीत हो गये कि आखिर हुआ क्या है। स्थानीय लोगों की माने तो 108 वाहन में करीब आठ लोग मौजूद थे, जो किसी मरीज को लेने नहीं, बल्कि कार्तिक स्वामी मंदिर घूमने के लिए आए थे। स्थानीय लोगों ने जब इन से पूछा तो 108 सवार लोगों द्वारा बताया गया कि उन्हें उमा देवी पत्नी ओम प्रकाश द्वारा फोन करके बुलाया गया था, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति वहा रहता ही नहीं है। ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं-
पहला सवाल तो यह कि जब किसी मरीज को लेने 108 वाहन जाता है तो वाहन में चालक के साथ उसमें एक डाक्टर अथवा नर्स ही जाती है, जबकि उक्त 108 वाहन में 8 लोग गए थे?
दूसरा सवाल यह है कि जब कनचौरी के ग्रामीणों द्वारा फोन किया गया तो वे 108 सवार लोग कार्तिक स्वामी मंदिर क्यों गए? इससे भी बड़ा कमाल तो तब हुआ, जब यह खबर सोशल मीडिया में फैली तो 108 सवार लोगों द्वारा स्थानीय लोगों किसी को कुछ न बताने के लिए डराया जा रहा है। हालांकि स्थानीय लोगों द्वारा पहले ही सीएसमओ से शिकायत की गई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि संदिग्ध लोगों पर कड़ा पहरा दे रहे थे, इसी बीच बाजार के एक किनारे पर एम्बुलेंस से उतरे लोगो को देखकर आक्रोश बना हुआ है।
पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एस के झा ने बताया कि मामले का संज्ञान लिया गया है। 108 एम्बुलेंस की त्रक्कस् लोकेशन के आधार पर जांच संबंधित से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उसके बाद ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।