देहरादून। भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के दर्जा राज्यमंत्री शादाब शम्स की टिप्पणी पर उत्तराखंड में सोशल मीडिया में युवाओं में काफी आक्रोश दिख रहा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों उत्तराखंड के चैनल पहाड़ टीवी में दर्जा राज्यमंत्री शादाब शम्स के पार्षद भाई आफताब आलम पर कुछ लोगों ने भूमि कब्जाने के आरोप लगाए थे।
इसको लेकर उत्तराखंड के चैनल पहाड़ टीवी ने भी एक खबर चलाई थी।
खबर के लिंक को अपनी टाइमलाइन पर शेयर करते हुए कमेंट बॉक्स में दर्जा राज्यमंत्री शादाब शम्स ने एक कमेंट का उत्तर देते हुए लिखा था कि हम लिखने मे गलती कर सकते हैं, लेकिन अपनी मा को नही बेचते। तुमने चंद सिक्कों की खातिर अपनी जन्मभूमि मातृभूमि को उमेश के हाथों बेच दिया। जयचंदों।”
शादाब शम्स की इस टिप्पणी पर उत्तराखंड के युवकों ने कड़ा आक्रोश व्यक्त किया है।
अंतरराष्ट्रीय हिन्दू महासभा विधानसभा, चकराता के अध्यक्ष, (छात्र महासभा) अंबरेश शर्मा का कहना है कि वे शादाब शम्स की सोशल मीडिया पर लिखी गई टिप्पणियों का व्यक्तिगत घोर विरोध करते हैं!
अमरीश शर्मा ने सरकार से इस टिप्पणी का संज्ञान लेकर कार्यवाही करने की अपील की है।
अनूप कोटनाला ने भी शादाब शम्स के इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह उत्तराखंड का अपमान है।
सुरेंद्र उनियाल ने इस बयान को उत्तराखंड तथा शहीद आंदोलनकारियों का अपमान बताया है। सोशल एक्टिविस्ट काका बाबा ने राज्य मंत्री का दर्जा हटाए जाने की मांग करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए न कि गाली गलौज करने वाला।
अंकित कुकरेती ने इस टिप्पणी को मातृशक्ति का अपमान बताते हुए कहा कि राज्य मंत्री देवभूमि का माहौल खराब कर रहे हैं और ऐसे लोगों के द्वारा युवकों को धमकाने और ऐसी टिप्पणी करना बेहद दुखद है।
पवन चौहान ने इस टिप्पणी पर राज्यमंत्री से चैनल में आकर माफी मांगने के लिए मांग की है। पवन चौहान ने कहा कि उत्तराखंड की मां को चंद रुपये में बिकने तथा ₹25 में बिकने और अनपढ़ जैसी टिप्पणी करने पर दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि उत्तराखंड समाज इसका विरोध करता है और सादाब शम्स को चैनल पर आकर उत्तराखंडी समाज से माफी मांगनी चाहिए।
जब इस संबंध में शादाब शम्स से पूछा गया तो उनका कहना था कि उत्तराखंड मेरी मातृभूमि है व जन्मभूमि है। कोई इसकी सौदेबाजी करने जैसी बातें करेगा तो ये हम हरगिज नहीं होने देंगे। कुछ लोग चंद पैसे के लिए ऐसा करने की सोच रहे हैं तो अपनी मातृभूमि और उत्तराखंडवासियों के हितों के साथ ऐसा कभी नहीं होने दिया जाएगा।