पांच किलोमीटर पैदल चल अस्पताल पहुंची गर्भवती। गांव में नहीं है सड़क
– पंकज कपूर
उत्तरकाशी। कंडाऊं गांव में सड़क न होने पर गर्भवती बीना देवी डोभाल 5 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल तक पहुंची। अस्पताल पहुंचने तक उनकी तबीयत इतनी ज्यादा बिगड़ गई कि उन्हें हायर सेंटर देहरादून रेफर करना पड़ा। कंडाऊं गांव में सड़क न होने के कारण लोग काफी लंबे समय से मुसीबत में हैं। अब भला पलायन नहीं होगा तो और क्या होगा ! यूं तो इस गांव के लिए 6 किलोमीटर मोटर मार्ग स्वीकृत है लेकिन अभी तक इस पर काम पूरा नहीं हो पाया है। 5 किलोमीटर पैदल दूरी तय करने के बाद जब बीना देवी सड़क पर पहुंची तो फिर उन्हें एक निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाया गया। किंतु ब्लड प्रेशर हाई होने के कारण उन्हें देहरादून के लिए रेफर कर दिया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सीएमएस डॉ निधि रावत ने बताया कि ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ने के कारण उन्हें रेफर किया गया है।
पिछले साल भी आई थी यही दिक्कत
इससे पहले भी वर्ष 2018 में इसी गांव के पास रस्टाड़ी कंडाऊं गांव की एक गर्भवती महिला ललिता को भी पैदल ही सड़क मार्ग तक लाया गया था। इस मार्ग की स्थिति ऐसी है कि यहां पर बीमार को डोली पालकी पर बिठा कर नहीं लाया जा सकता। अगस्त 2018 में एक गर्भवती महिला की बेहद नाजुक स्थिति उत्पन्न हो गई थी। हालांकि नौगांव अस्पताल में जच्चा बच्चा का सुरक्षित प्रसव हो गया था। बरसात के दौरान मार्ग और भी अधिक खराब होने से स्थिति और अधिक दयनीय हो जाती है।
हिम्रोल गांव मे पैदल चलते हो गया था प्रसव
कुछ दिन पहले ही उत्तरकाशी के ही एक और गांव हिम्रोल में भी सड़क न होने के कारण गर्भवती महिला के परिवार वाले उन्हें पैदल ही अस्पताल के लिए चल पड़े थे लेकिन प्रसव पीड़िता ने गांव के रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।बच्चे के जन्म के बाद परिवार वाले महिला को 40 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव लेकर पहुंचे। तब भी महिला के पति लक्ष्मण नौटियाल ने बताया था कि, गांव में सड़क न होने के कारण इस तरह की बहुत सी प्रॉब्लम हो रही है। लक्ष्मण नौटियाल बताते हैं कि, गांव में जब सरकार ने सड़क बनाने पर ध्यान नहीं दिया तो गांव के लोग खुद ही श्रमदान से सड़क बना रहे थे। लेकिन एक बहुत बड़ी चट्टान आने के कारण सड़क पूरी नहीं बन पाई है।
लक्ष्मण नौटियाल यह भी बताते हैं कि, हिम्रोल गांव तक सरकार के कागजों में सड़क बन गई है लेकिन हकीकत में सड़क कब बनेगी कुछ पता नहीं। अखबारों में गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने का विज्ञापन करने वाली सरकार हिम्रोल गांव तक कब तक सड़क पहुंचाएगी कुछ पता नहीं !