सड़क पर धान रोपकर जताया विरोध। आखिर कब सुधरेंगे पहाड़ की सड़कों के हालात
रिपोर्ट- इन्द्रजीत असवाल
ये कोई खेत नही बल्कि प्रदेश की राजधानी देहरादून से लगा हुआ पौडी गढवाल के यमकेश्वर ब्लाक मुख्यालय की सडक है। यमकेश्वर खंड के गांवों के विकास की क्या तस्वीर होगी, बयां करने के लिये ये तस्वीरें काफी हैं। क्षेत्र पंचायत बूंगा सुदेश भट्ट ने बताया कि, यमकेश्वर ब्लाक की ये सडक ब्लाक मुख्यालय को न्याय पंचायत नीलकंठ ‘नौगांव’ गैंडखाल’ व किमसार के सैकडौं गांवों को जोडने के साथ साथ राजधानी देहरादून व क्षेत्र के मुख्य बाजार ऋषिकेश की दुरी को 26 किमी कम करती है। जिससे समय व ईंधन की बचत होती है। क्षेत्र पंचायत जुलेडी हरदीप कैंतुरा ने बताया आज सडक की दुर्दशा इस कदर हो गयी कि, कोई भी उच्च अधिकारी व जन प्रतिनिधि जान जोखिम मे डालकर इस सडक पर चलने से कतराते हैं।
वहीं स्थानीय निवासी व कनिष्ठ प्रमुख यमकेश्वर बिजय पाल सिंह नेगी ने बताया कि हम लोग काफी लंम्बे समय से इस सडक की डामरी करण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते आज यमकेश्वर ब्लाक की ये सडक पगडंडी बनकर रह गयी! क्षेत्र की प्रमुख सडक की अनदेखी के चलते आज यमकेश्वर ब्लाक के क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने झील का रुप ले चुकी सडक पर धान रोपाई करते हुये सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का प्रयास किया। क्षेत्र पंचायत सदस्य कोठार गीता पयाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य मराल शशि बाला, क्षेत्र पंचायत सदस्य कांडी यशोदा, क्षेत्र पंचायत सदस्य गंगा भेगपुर विमल नेगी, क्षेत्र पंचायत सदस्य बुकंडी मीनाक्षी देवी, सामाजिक कार्य कर्ता उपेंद्र पयाल, पंकज राणा, होशियार सिंह ,अश्वनी शर्मा, विमल धमांदा समेत क्षेत्र के सैकडों नागरिकों ने ब्लाक मुख्यालय पहुंचकर सरकार से इस महत्व पूर्ण सडक के शीघ्र डामरीकरण की मांग करी।
समस्त क्षेत्रिय जन प्रतिनिधियों ने बताया यदि सरकार द्वारा इस सडक के जान लेवा गड्ढौं का शीघ्र निवारण नही किया गया तो पंचायत प्रतिनिधि क्षेत्र विकास के लिये आंदोलन को बाध्य होंगे व जोखिम भरे गड्ढौं का यदि सरकार शीघ्र ही निवारण नही करती तो पंचायत प्रतिनिधि क्षेत्र की जनता के साथ मिलकर आम जन के हित मे इस सडक पर श्रमदान के लिये बाध्य होंगे। कोंग्रेसी नेता विपिन पटवाल कहना है की जानलेवा सड़क पर किसी भी तरह की कोई अनहोनी होगी तो इसकी जिम्मेवारी सिर्फ भाजपा की विधायक की होगी। जानलेवा गड्ढों का शीघ्र डामरीकरण नहीं किया गया तो जन आंदोलन करेंगे स्थानीय जनता के साथ मिलकर