सिडकुल में कई फाइलें गायब। सिडकुल और यूपीआरएनएल के अधिकारियों पर एसआईटी की तलवार
सिडकुल घोटाले के कई अहम दस्तावेज गायब हो गए हैं। सिडकुल घोटाले की समीक्षा करते समय मंगलवार को आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार की समीक्षा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान यह बात सामने आई तो इस पर अभिनव कुमार का पारा चढ़ गया और उन्होंने दस्तावेज गायब होने पर एसआईटी को मुकदमा दर्ज करने के लिए निर्देशित कर दिया। जल्दी ही एसआईटी सिडकुल घोटाले से संबंधित सिडकुल और उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी शिकंजा कस सकती है।
अभिनव कुमार एसआईटी की जांच संतोषजनक न होने के कारण नाराज थे। उन्होंने हर महीने सिडकुल घोटाले की समीक्षा करने की बात कही। सिडकुल में वर्ष 2012 से लेकर 17 तक लगभग 500 करोड़ रुपए का घपला होने का अनुमान है। इसमें निर्माण कार्य में अनियमितता और सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर एसआईटी जांच कर रही है। लेकिन इससे जुड़ी कई फायदे और दस्तावेज गायब हैं।
सिडकुल घोटाला पूर्व एमडी सौजन्या जावलकर खोला था और पाया था कि विभिन्न जिलों में सिडकुल ने निर्माण कार्य के दौरान मानकों के विपरीत उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को ठेके दिए हैं इसके अलावा भूआवंटन, वेतन निर्धारण और विभिन्न पदों पर भर्तियां से संबंधित अनियमितताएं भी सामने आई थी। उसके बाद यह जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। अकेले उधम सिंह नगर में 129 निर्माण कार्यों की जांच एसआईटी कर रही है। तथा देहरादून में 62 कार्यों की जांच सिडकुल के हवाले हैं। हरिद्वार में 32 और पौड़ी में 12 निर्माण कार्यों की जांच पिछले काफी समय से धीमी गति से चल रही थी।
इससे पहले एसआईटी में शामिल कुछ कर्मियों के ट्रांसफर होने और आईजी गढ़वाल अजय रौतेला के कुमाऊं ट्रांसफर हो जाने से एसआईटी जांच धीमी पड़ी हुई थी। अभिनव कुमार ने आते ही एसआईटी को पुनर्गठित करने के लिए शासन को पत्र लिखा और अब इस प्रकरण में हर महीने समीक्षा होने से एसआईटी की जांच में तेजी आने की संभावना है। इस हाईप्रोफाइल घोटाले की जांच के लिए वित्तीय, कानूनी और तकनीकी विशेषज्ञों की सलाह देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि अनियमितता करने वाले सिडकुल और उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।