पर्वतजन व विधायक के कड़े पत्र के बाद गोहरी रेंजर की जांच शुरू। जांच तक मुख्यालय में किया अटैच्ड
रिपोर्ट- अनुज नेगी
देहरादून। राजाजी टाइगर रिजर्व के चर्चित गोहरी रेंज के रेंजर धीर सिंह के कारनामो को लेकर जांच शुरू हो गयी है। कुछ वर्ष पूर्व गुज्जर पुनर्वास के मामले में चर्चित इस रेंजर ने गोहरी रेंज में भी कई किस्से गड़े। इसकी चर्चित कार्यप्रणाली व कर्मचारियों के उत्पीड़न के किस्सों के बाद स्थानीय विधायक ने अब इसके खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है। यमकेस्वर विधायक द्वारा लिखे गए शिकायती पत्र के बाद प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड ने इसकी जांच के आदेश जारी किए है। जांच होने तक यह रेंजर राजाजी मुख्यालय से अटैच्ड रहेगा।
गौरतलब है कि, इनकी गोहरी रेंज में तैनाती के इन पर कई संगीन आरोप लग चुके है। कुछ समय पूर्व यहां स्थित 84 कुटी में तैनात एक वन आरक्षी ने इन पर जबरन उगाही व मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। जिसकी जांच हरिद्वार के वन्यजीव प्रतिपालक कोमल सिंह को दी गयी थी। मगर आज के महीने बीत जाने के बावजूद भी उस जांच का कोई निष्कर्ष नही निकल पाया। वहीं गोहरी रेंज में चल रहे निर्माण कार्यो को लेकर भी महकमे में कानाफूसी चलती रहती है।
इन निर्माण कार्यो में इनके पुत्र से जुड़ी एक कंपनी ही अधिकतर ठेके पा जाती है। सूत्रों की माने तो पार्क के एक अकाउंटेंट की मदद से ही इन ठेको को पाया जाता है। हाल ही में 84 कुटी स्थित एक कैंटीन का ठेका भी चर्चा में बना हुआ है। वहीं सूत्रों की माने तो स्थानीय विधायक की नाराजगी को खत्म करने के लिए ही जांच का खेल खेला गया है। अपनी ऊपरी पहुँच, अधिकारियों की कृपा व सेवा के चलते तमाम आरोप होने के बाद भी ये मलाईदार पोस्टिंग पा जाते है।
चर्चा में बना निदेशक का पत्र
बताते चलें कि, हॉफ के आदेश के बाद राजाजी के निदेशक ने गोहरी रेंजर को जांच तक अटैच्ड तो कर दिया मगर उनके द्वारा जारी पत्र कई सवाल खड़े कर रहा है। पार्क महकमे में कल दिन भर इस को लेकर चर्चा चलती रही। पत्र में जांच तक हरिद्वार रेंज के रेंजर विजय सैनी को गोहरी रेंज में कार्यवाहक रेंजर का जिम्मा दिया गया है। लेकिन पास की रेंजों के रेंजरों को इसकी जिम्मेदारी नहीं दी गयी।