कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए भीमताल के पूर्व विधायक और पूर्व राज्य आंदोलनकारी धरने पर बैठ गए।
आंदोलनकारियों दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों की बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने की मांग को लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधानों के साथ धरने पर बैठ गए।
नैनीताल जिले के दुर्गम ओखलकांडा ब्लॉक की 80 ग्राम सभाओं में बिगड़ी हुई चिकित्सकीय सुविधा है। क्षेत्र के निवासी और जन प्रतिनिधि इस बात को लेकर भीमताल के पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी और राज्य आंदोलनकारी मोहन पाठक के साथ धरने पर बैठ गए।
आंदोलनरत लोगों ने कहा कि दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री की टैली मैडिसिन की घोषणा के बावजूद मरीजों को आज भी हल्द्वानी रैफर किया जाता है । उन्होंने कहा कि कोविड़ के कारण धरने में केवल मुख्य लोगों को ही बुलाया गया है।
आरोप लगाया कि विधायक और सांसद ने भी व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कुछ नहीं किया और सरकार ने अगर व्यवस्थाएं नहीं सुधारी तो वो उग्र आंदोलन करेंगे।
उन्होंने कहा कि यहां की मशीनें कार्यरत नहीं हैं, जिसके कारण मरीजों को बाहर जाना पड़ता है। आंदोलनकारियों ने हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल को भी एम्स जैसा बनाने की मांग की।