हल्द्वानी में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से साईकिल सवार युवक की मौत। सीएम ने दिए जांच के आदेश
हल्द्वानी। दो दिन पूर्व हल्द्वानी में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से साईकिल सवार औषधीय संयोजक (कंपाउंडर) की झुलसने से हुई मौत के मामले में ऊर्जा विभाग की लापरवाही को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने काफी गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना पर गहरा दुख जताया और ऊर्जा सचिव श्रीमति राधिका झा को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिम्मेदार लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है।
गौरतलब है कि दमुआ ढुंगा जवाहर ज्योति के रहने वाले कमल रावत साइकिल से अपनी ड्यूटी पर जा रहे थे, तो वॉकवे मॉल के पास ही सड़क पर हाईटेंशन लाइन गिरने से वह इसकी चपेट में आ गए थे। जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी। जिसके बाद परिजनों सहित पूरे शहर के लोगों ने कमल रावत के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी की इसके साथ ही विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। मृतक कमल रावत का एक 4 साल का बेटा और एक 1 महीने की बेटी है। साथ ही इस लॉकडाउन में वह अपने पूरे परिवार का एकमात्र आसरा थे।
ऊर्जा सचिव श्रीमति राधिका झा ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सीनियर स्तर के अधिकारी मुख्य अभियंता एमएल प्रसाद को जांच अधिकारी नामित कर उनसे रिपोर्ट मांगी है। एमएल प्रसाद मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं। अधिशासी अभियंता ग्रामीण अमित आनंद की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी की प्रथम दृष्टया रिपोर्ट में एसएसओ की लापरवाही प्रतीत हुई है। फाइनल रिपोर्ट मिलने पर इस घटना के लिए जिम्मेदार लापरवाह अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि, घटना की पुनावृत्ति रोकने के लिए निचले स्तर के तकनीकि अधिकारियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। घटना में मृतक आश्रित को तत्काल चार लाख मुआवजा दिया जा रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भी सहायता की कोशिश की जाएगी।