पुलिस की धमकी देकर नवजात शिशु के साथ प्रसूता को किया आइसोलेट
– एडीएम ने स्वास्थ्य विभाग के इस निर्णय को बताया गलत, कहा शिकायत मिलने पर होगी कार्यवाही
मंजू राणा
पौड़ी। पाबौ विकासखंड में कोरोना संक्रमित प्रसूता को पुलिस कार्यवाही की धमकी देकर नवजात शिशु के साथ अस्पातल में आइसोलेट किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। प्रसूता ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि, उनके घर में होम आइसोलेट की पूरी व्यवस्था थी। साथ ही स्वजन होम आइसोलेट के लिए राजी थी। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने उसे जबरन 20 दिन के नवजात शिशु के साथ बेस अस्पातल श्रीकोट में आइसोलेट किया है। वहीं अपर जिलाधिकारी डॉ एसके बरनवाल ने स्वास्थ्य विभाग के इन निर्णय को पूरी तरह गलत बताया है।
डॉ बरनवाल ने कहा कि, लिखित शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जाएगी। बीते 8 सितंबर को पाबो विकासखंड के बिसल्ड गांव की एक महिला ने बेस अस्पताल श्रीकोट में शिशु को जन्म दिया था।
उक्त प्रसूता महिला ने बताया कि, 8 सितंबर को उसे अस्पातल से छुट्टी दे दी गई थी। 20 सितंबर को वह टांके कटवाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाबौ पहुंची। जहां प्रसूता ने महिला चिकित्साधिकारी को सूंघने में दिक्कत होने की बात बताई। जिस पर पाबौ में स्वास्थ्य कर्मियों ने उसका कारोना सैंपल लिया। प्रसूता ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों ने पति को फोन कर उसके कोरोना संक्रमित होने की बात बताई। साथ ही यह भी कहा कि, घर पर ही रहें।
लेकिन बीते 27 सितंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्साधिकारी ने उसे फोन कर बेस अस्पताल श्रीकोट जाने के लिए कहा। प्रसूता ने कहा कि, जब उसने घर में ही होम आइसोलेट किए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से कहा तो उक्त महिला को चिकित्साधिकारी ने पुलिस कार्यवाही की धमकी दी और इसे जबरदस्ती 20 दिन के नवजात शिशु के साथ बेस अस्पताल श्रीकोट भेज दिया गया।
प्रसूता ने बताया कि, होम आइसोलेशन के लिए उनके घर में प्रयाप्त सुविधाएं थी और उसके स्वजन भी तैयार थे। वहीं एसीएमओ डॉ रमेश राणा का कहना है कि, प्रसूता के स्वजन जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं थे। इसलिए प्रसूता व उसके बच्चे को अस्पातल में आइसोलेट किया है। अपर जिलाधिकारी डॉ एसके बरनवाल ने स्वास्थ्य विभाग के इस निर्णय को गलत बताया है।
डॉ बरनवाल ने कहा कि, गाइडलाइन के अनुसार होम आइसोलेशन का प्रावधान है। नवजात बच्चे व प्रसूता को मर्जी के खिलाफ अस्पताल में आइसोलेट किया जाना गलत है। लिखित शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जाएगी।