प्रवासी भाइयों ने मिलकर खोला मुर्गी फार्म। जंगली जानवर ने किया काम तमाम
रिपोर्ट- रामरतन सिह
जखोली,रुद्रप्रयाग। कोरोना वायरस के चलते उत्तराखंड मे बेरोजगार हुए मखेत गांव के तीन बेरोजगार भाइयों ने अपने गांव माखेत लौटकर रोजी-रोटी कमाने के लिए स्वयं की कमाई से अपने ही गाँव मे स्वरोजगार अपनाने की पहल की। ताकि वो किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर सके, लेकिन कहानी कुछ उल्टी हो गई।
विकासखंड जखोली(रुद्रप्रयाग ) के अन्तर्गत ग्राम पंचायत मखेत मे सुजान सिह, अमन सिह, रविन्द्र सिह, बुटोला यानी तीनो भाईयों ने बेरोजगारी के दौरान अपने ही गांव मखेत मे बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के आजिविका चलाने के लिए अपने ही गांव मखेत मे लगभग डेढ़ लाख रुपये की लागत से एक पोल्ट्री फार्म का निर्माण किया।
इस पाल्ट्री फार्म में बहार से लगभग 150 मुर्गी के चूजे ला कर रखे थे, जो कि कुछ दिनों में काफी बड़े हो गए। जिनका वजन एक किलोग्राम से लेकर दो किलो तक हो गया था।
परंतु बीती रात को मुर्गीफार्म के अन्दर रखे 120 मुर्गो को किसी अज्ञात जीव ने मार खाया तथा पांच को जीवित छोड़ दिया।
तीनो भाइयों को इस बात का पता सुबह चला जब वे सुबह उठकर मुर्गीफार्म की ओर गये। तीनो ने किसी अज्ञात जानवर के द्वारा मुर्गो के मारे जाने की सूचना उपजिलाधिकारी जखोली नंदन सिह नगन्याल को लिखित रुप में दी। उपजिलाधिकारी को दिये गये प्रार्थना पत्र मे इनके द्वारा मारी गई मुर्गियो के उचित मुआवजा देने की बात कही है।
प्रवासियों का कहना है कि, हमने मुर्गीफार्म खोले जाने के लिए पहले ही खंडविकास कार्यालय जखोली में आवेदन लगा रखा था, लेकिन आवेदन जल्दी स्वीकृत न होने के करण स्वयं की धनराशि खर्च कर फार्म खोला गया था। मखेत की ग्राम प्रधान श्रीमती शशी देबी व पूर्व प्रधान अषाढ़ सिंह ने खंडविकास अधिकारी व वनक्षेत्राधिकारी से मखेत गांव में मुर्गीफार्म में मारे मुर्गो की जांच कर प्रवासियों को उचित मुआवजा देने की मांग की थी। लेकिन तीन महीने हो गये अप्लाई करके पर अभी तक कोई लोन नही मिला। न ही फोन तक नही आया।