हाईकोर्ट का फरमान: अब नैनीताल और मंसूरी के प्रवेश द्वार पर होगी पर्यटकों की कोरोना जांच
रिपोर्ट- कमल जगाती
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाल व्यवस्थाओ को लेकर दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओ पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि, नैनीताल और मंसूरी में पर्यटकों की बढ़त को देखते हुए दोनों शहरों के प्रवेश द्वार पर उनकी जांच की जाय। आज राज्य सरकार की तरफ से न्यायालय को बताया गया कि, 2021 में होने वाले कुम्भ मेले की तैयारियां 31 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएंगी।
मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ और न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खण्डपीठ ने इस सम्बंध में राज्य सरकार से शपतपत्र पेश करने को कहा है और अगली सुनवाई 23 दिसंबर को तय की है। मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली और देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारंटाइन सेंटरों/कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर उच्च न्यायालय में अलग-अलग जनहित याचिकायें दायर की थी।
पूर्व में बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश कर माना था कि, उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। इसका संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिये जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटियां गठित करने के आदेश दिए थे और कमेटियों से हर हफ्ते रिपोर्ट देने को भी कहा गया था।