जल संस्थान के पानी पर होटल वालों का कब्जा। ग्रामीण परेशान
रिपोर्ट- अरविंद नेगी
देहरादून। आजकल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एक रुपये में पानी के कनेक्शन देने की बात कर रहे हैं, वही होटल व्यवसायियों ने जल संस्थान कोटद्वार की योजनाओं पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस सम्बंध में स्थानीय समाजसेवी अरविंद नेगी ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड के लिए सोशल मीडिया पर एक लेख लिखा है।
बता दें कि, उत्तराखंड में बोरिंग करने की अनुमति नहीं है। लेकिन कई होटल व्यवसायियों ने अंदर ही अंदर बोरिंग कर रखी है, तो कइयों ने खुलेआम बोरिंग कर सरकार के नियमो की धज्जियां उड़ा रखी है। प्रशासन देखकर भी मौन है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, शायद प्रशासन की मिलीभगत से ये काम चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री, लैंसडाउन क्षेत्र के विधायक मंहत दलीप रावत,अधिशासी अभियंता जलसंस्थान कोटद्वार, मेरा सभी माननीयों से अनुरोध है कि, हर घर नल अर्थात सभी घरों को पानी योजना कृयांन्वित करने का सपना मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार का है।
● परंतु घांघली खाल न्याय पंचायत असनखेत (जयहरीखाल) मुख्यमंत्री का ब्लॉक, यहां अलजुंडी व सिसलडी के होटल वाले एकल पाइपलाइन पर कब्जा किये बैठे हैं। जनता त्राहिमाम कर रही है, SDM, पटवारी, जलसंस्थान वाले कोई भी होटलों की मोटरों पर कार्यवाही नहीं करता। डेरियाखाल के होटलों में पानी टैंकरों से आता है।परंतु
● सिस्लडी के होटल वाले जल संस्थान का पानी इस्तेमाल करते हैं।
● अलजुंडी के होटल वाले जल निगम/जलसंस्थान की पाइपलाइन को ही होटलों मे इस्तेमाल करते हैं, पैसे वाले लोग हैं मोटरों से सारा पानी खीच लेते हैं। ग्रामीण जाऐ भाड में, ढेबरिया तोक में भी दुकानों मे अवैध/व्यक्तिगत कनेक्शन हैं, परंतु न अलजुंडी, न सिस्लडी, न ढेबरियातोक, कोई भी सरकार के खजाने में ऐक पैसे का योगदान नहीं देता।
विचार करने की आवश्यकता है, जल संस्थान या निगम सभी के अधिकारी आंखें मूंदे हैं ,कंही सरकार को मिलने वाला पैसा भ्रष्टाचार की भेंट तो नहीं चढ रहा।हम तो घांघली खाल के लोग हैं जो पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, पर जल जीवन मिशन शायद उत्तर प्रदेश में है, हमारे मुख्यमंत्री, पेयजल मंत्री, विधायक आनेवाले चुनाव की तैयारी कर रहे होंगे।
अनुरोध
होटल वालों को ग्रामीणों की पेयजल पर अधिकार न करनें दें। सिस्लडी, अलजुंडी, ढेबरिया तोक के होटलों से पेयजल कनेक्शन तुरन्त हटा लिए जाऐं, तभी ग्रामीणों को पानी मिलेगा। हम शांति प्रिय लोग हैं, परंतु गले गले, व आत्मसम्मान पर बनेगी तो आंदोलन का रास्ता अपनायेंगे, प्रदर्शन होगा शांतिपूर्ण, अगर सरकार चाहेगी तो उग्र भी।
हम आने वाले चुनाव में उसी पार्टी का सर्मथन करेंगे जो हमारी समस्याओं का सम्मान/समाधान करेंगे।
कृपया सहयोग/सर्मथन करें।