पंद्रह साल से मुआवजे को लेकर परेशान किसान, विभाग मुआवजा देने को तैयार नहीं
● लोक निर्माण विभाग रानीखेत ने नहीं दिया असगोली पैठाणी मोटर मार्ग का मुआवजा
● विभाग के पास देने को नहीं है मुआवजे की राशि
रानीखेत। एक तरफ सरकारें इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए राजमार्गों सहित अन्य सड़कों को दुरूस्त करने के काम में तेजी से जुटी हैं। सड़कों के काम में आने वाली बाधाओं को भी त्वरित गति से निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड सरकार का रवैय्या इस मामले में बिल्कुल अन्य सरकारों के उलट है। यहां बीते पन्द्रह वर्षों से लंबित असगोली पैठाणी मोटर मार्ग सहित 19 मोटर मार्गों के रास्ते में अपनी जमीन देने वाले किसान मुआवजे के लिए दर-दर की धूल फांक रहे हैं। गौरतलब है कि, 24 फरवरी 2006 को निर्गत शासनादेश के अंतर्गत असगोली से पैठाणी मोटर मार्ग का आदेश जारी किया गया तथा एक करोड़ 78 लाख रुपए उक्त कार्य हेतु मंजूर किए गए थे।
2016 तक उक्त मोटर मार्गों में खेत तथा बहुत कमजोर किस्म की चट्टानों की खुदाई पर एक करोड़ 78 लाख रुपए खर्च कर दिए गए, जबकि उक्त मार्ग में पड़ने वाली दो छोटी पुलिया जो 6 मीटर और 12 मीटर की थी, उन पर कोई काम नहीं हुआ। यही नहीं कई जगह पर मलबा साफ करने और बरसाती पानी की निकासी की व्यवस्था किया जाना भी बाकी है। मुआवजे के मामले में शिकायत करने वाले शिकायतकर्त्ता चंदन सिंह अधिकारी ने बताया कि, 14 जून 2019 को मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत नंबर 21098 को दर्ज कराई गई, लेकिन उक्त शिकायत को सरकारी कार्यवाही और प्रोसेस को समझाते हुए 3 जनवरी 2020 को विभाग द्वारा बंद कर दिया गया।
इस सबके बाद एक इस्टीमेट सचिव महोदय उत्तराखंड सरकार को जरूर भेजा गया। 3 करोड़ 35 लाख का यह इस्टीमेट उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के मुख्य सचिव को भेजा गया, जिसमें विभाग द्वारा पैसा उपलब्ध होने पर किसानों को मुआवजा देने की बात कही गई, लेकिन आज तक एक भी पैसा मुआवजे के रूप में किसानों को नहीं दिया गया। जबकि विभाग द्वारा अनेक बार समाचार पत्रों में मुआवजा लेने की सूचना आम रूप से प्रकाशित की गई है। सूत्रों की मानें तो लोक निर्माण विभाग रानीखेत के पास मुआवजा देने के लिए पैसे नहीं हैं, जबकि उक्त मोटर मार्ग का बजट 5 करोड़ रुपए से अधिक पहुंचा चुका है।
गौरतलब है कि 15 अक्तूबर 2020 तक दो करोड़ दस लाख रुपए की लागत के मोटर मार्ग के अधूरे कार्य और बाकी राशि 6 मीटर और 12 मीटर के दो पुल बनाने के लिए आवंटित की गई थी, लेकिन अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया गया। इसी क्रम में 13 अगस्त 2020 को एक और शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज की गई, उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला। यही नहीं एचओडी पीडब्ल्यूडी के पास भी एक शिकायत, जिसका नंबर 97528 है, लंबित पड़ी हुई है। पूरे मामले को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि लोक निर्माण विभाग रानीखेत में कार्य के प्रति किसी की कोई जवाबदेही नहीं है।
उक्त सड़क के अलावा भी 19 और मोटर मार्गों का मुआवजा लोक निर्माण विभाग रानीखेत ने आज तक नहीं दिया, जबकि कागजी कवायद करते हुए समाचार पत्रों में सूचना जारी कर दी गई। उल्लेखनीय है कि 15 अक्तूबर 2020 के बाद से लगभग 12 परिवारों द्वारा असगोली पैठाणी मोटर मार्ग पर जमीन के मुआवजे के लिए अपने डॉक्यूमेंट पेश कर दिए हैं। क्षेत्रीय अमीन द्वारा दो माह में मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया गया है, जबकि विश्वस्त सूत्रों की मानें तो लोक निर्माण विभाग रानीखेत के पास मुआवजा देने के लिए फिलहाल पैसा ही नहीं है। ऐसे में जनता को लगातार भ्रमित करना विभाग को महंगा पड़ सकता है।