रिजर्व फारेस्ट की 135 बीघा भूमि के अतिक्रमण मामले पर दो सप्ताह बाद होगी सुनवाई
रिपोर्ट- कमल जगाती
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राजाजी नैशनल पार्क के कुनाऊ गाँव में मुनि चिदानंद और पुरुषोत्तम दत्त शर्मा द्वारा रिजर्व फारेस्ट की 135 बीघा भूमि पर अतिक्रमण करके उसमें एक फार्महाउस बनाये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद की तय की है। खण्डपीठ ने हरिद्वार से 14 किलोमीटर आगे के गांव में नई गठित जिला स्तरीय कमेटी से मामले की जांच कर दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
आज सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से न्यायालय को अवगत कराया गया कि, न्यायलय के आदेश के क्रम में पूर्व में गठित कमेटी को भंग कर नई जिला स्तरीय कमेटी गठित कर दी गई। ये कमिटी ही वहां रह रहे लोगों की जाँच करेगी। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि, मुनि चिदानंद और उनके सहयोगी द्वारा हरिद्वार से 14 किलोमीटर आगे राजाजी नैशनल पार्क के भीतर कुनाऊ गांव में फारेस्ट की रिजर्व भूमि पर 135 बीघा जमीन पर 2006 से भारी निर्माण कार्य फारेस्ट चौकी के आंखों तले किया जा रहा है।
आरोप लगाया कि, इसके बावजूद वन विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है, जबकि याचिकर्ता द्वारा वन विभाग और राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों को बार-बार इसकी सूचना दी गयी। याचिकर्ता का यह भी कहना है कि, आरोपियों की पहुँच उच्च रसूकदार लोगों से है, जिसके कारण उच्चाधिकारी, अतिक्रमण पर पर्दा डाले हुए है, इसलिए इस भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जाय।