15 साल भी नही टिक पाया स्कूल भवन तो एक भवन का निर्माण सालों से अधूरा, स्कूल रिकॉर्ड में भी पता नहीं किस विभाग ने दिया था ये भवन
रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
लैंसडाउन
यूँ तो पहाडों में कई सरकारी भवन जीण सीण अवस्था में है सरकार विकास के लाख दावे भी कर रही है पहाडों से पलायन भी शिक्षा स्वास्थ्य के कारण हुआ है , आखिर लोग अपने बच्चों की जान खतरे में डालकर क्यो पढ़ाये
बात लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक रिखणीखाल के राजकीय इंटर कालेज द्वारी की है जहाँ पर विद्यालय भवन जीण सीण अवस्था में है आपको बता दें कि इस भवन की छत पर बरसात से बचने के लिए पन्नी डाली गई है जबकि इस भवन का निर्माण 2006 में हुआ था 15 साल भी नही टिक पाया ये भवन।
दूसरी अब मेन पॉइंट ये है कि यही पर एक भवन और भी बनवाया गया था जिसे की कार्यदायी संस्था ने छत डालकर छोड़ दिया था इस भवन का कोई भी रिकॉड विद्यालय में नही है कि ये आखिर किस विभाग ने दिया या किस निधी से बना
स्थानीय ग्रामीण का कहना है कि पहाड़ो में कमीशन का बड़ा खेल खेला जाता है इसका जीता जागता सबूत ये भवन है जो 15 साल में ही खत्म हो गया
प्रभारी प्रधानाचार्य व ग्राम प्रधान का कहना है कि अभी उनको अभी 5 कमरों की जरूरत है , भवन के छतिग्रस्त होने के कारण बच्चों को बाहर प्रांगण में पढ़ाने को मजबूर हैं।