- डाक पत्थर बैराज की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ा है मामला |
- उत्तर प्रदेश सरकार कर चुकी थी उक्त क्षेत्र को प्रतिबंधित|
- मुख्य सचिव/ पुलिस महानिदेशक/ महानिदेशक अभिसूचना/ जिलाधिकारी के जगाने पर भी सरकार जागने को तैयार नहीं !
विकासनगर–
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि डाक पत्थर, देहरादून क्षेत्रान्तर्गत यू0जे0वि0 एन0एल0 की यमुना जल विद्युत परियोजना वर्ष 1970 से विद्युत उत्पादन कर रही है। उक्त हेतु बैराज (हेड रेगुलेटर पुल) की डाक पत्थर में स्थापना की गयी थी, जोकि महत्वाकांक्षी परियोजना है|
सुरक्षा गत संवेदनशीलता के कारण उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा डाक पत्थर बैराज को नोटिफिकेशन दिनांक 29.11.1989 के द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया था| जिसके फलस्वरूप बैराज की सुरक्षा में पुलिस गार्ड व अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये थे |
नेगी ने कहा कि उक्त बैराज को राजद्रोही तत्वों/ खनन माफियाओं एवं आतंकवादियों से बचाने के मामले में अपर महानिदेशक अभिसूचना एवं सुरक्षा/ पुलिस महानिदेशक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ जिलाधिकारी एवं स्वयं संबंधित विभाग बैराज की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने हेतु कार्यवाही की मांग कर चुका है, लेकिन जीरो टोलरेंस नामक सरकार जागने को तैयार नहीं है | एक -डेढ़ वर्ष पहले बैराज की संवेदनशीलता/सुरक्षा के दृष्टि गत 2-8 की प्रशिक्षित गार्ड तैनाती की संस्तुति की गयी थी, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई | बैराज लगभग 50 वर्ष पुराना है तथा उसमें दरारें भी आ गयी हैं।
इसके अतिरिक्त परियोजना आर्टिफिशियल सीक्रेट एक्ट 1923 के तहत प्रतिबंधित है | नेगी ने कहा कि अगर बैराज को क्षति पहुॅंचती है तो कई वर्षों तक विद्युत उत्पादन ठप्प हो जायेगा तथा सरकार को करोड़ों-अरबों रूपये का राजस्व नुकसान उठाना पड़ेगा।मोर्चा सरकार को आगाह करता है कि प्रदेश में घट रही आपदाओं/ घटनाओं से सबक लेते हुए बाद में लाशों पर राजनीति करने के बजाए समय रहते उक्त परियोजना को बचाने की दिशा में काम करे |