गुरू फाॅरेंसिक एण्ड डिटेक्टिव एजेंसी के संचालक विजय खण्डूड़ी के दौरान एक खास बातचीत में बताया कि , जिसमें उन्होंने उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन (यूपीसीएल) के लेखाकार (संजीव कुमार) कर्मचारी की दबंगता और भ्रष्टाचार के बारे में बताया।
विजय खण्डूड़ी ने बताया कि यह लेखाकार संजीव कुमार जहां भी जाता है, वहां इसके खिलाफ शिकायतों की भरमार देखने को मिलती है और उसके ही सह कर्मचारी इस लेखाकार कर्मचारी से परेशान रहते है| उन्होंने बताया कि इस लेखाकार कर्मचारी के द्वारा अपने सह कर्मचारियों के साथ हुये दुर्व्यवहार और महिला कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार करने की शिकायत है |
उन्होंने बताया कि कुछ समय पूर्व एक कर्मचारी ने लिखित रूप से आरोप लगाया था कि कोई भी कार्य उससे छीन कर दूसरे प्रभावशाली व्यक्ति को दे दिया जाता है जिसमें भ्रष्टाचार की भी आशंका जताई थी।
वहीं दूसरी ओर एक महिला कर्मचारी ने भी इस लेखा कार कर्मचारी के ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। और अपने शिकायत पत्र में कहा था कि यह लेखाकार संजीव कुमार कर्मचारी अपने निजी कार्य करवाने के लिए दबाव बनाता है और यह लेखाकार सेक्सुअल हरासमेंट भी करता है।
विजय खण्डूड़ी से बातचीत के दौरान पूछा गया की इतनी शिकायतें होने के बाद भी कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी –
इसके जवाब में खंडूरी ने कहा कि यूपीसीएल के अधिकारियों द्वारा लेखाकार संजीव कुमार को संरक्षण प्राप्त होता रहा है, इसी कारण अभी तक संजीव कुमार पर अधिकारियों द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया।
आगे उन्होनें बताया कि लोक सूचना अधिकारी ने कुछ बिंदुओं का जवाब तो दिया है,लेकिन महत्वपूर्ण सूचनाएं देने से मना कर दिया है, जिससे ऐसा लग रहा है कि लोक सूचना अधिकारी या तो किसी दबाव में है या फिर उसकी इस लेखाकार से मिली भगत है|
विजय खण्डूड़ी ने बताया कि लेखाकार संजीव कुमार वि़द्युत वितरण खण्ड टिहरी में 7 वर्षों से अधिक तैनात रहा। वहाँ के अटेंडेंस रज़िस्टर में लेखाकार संजीव कुमार की उपस्थिति का खाली पड़ा कॉलम यह दर्शाता है की वो वहाँ गए ही नहीं ,मुफ्त की सैलेरी डकारी है | रज़िस्टर की एक प्रतिलिपि देखिये:
और वहां इसके खिलाफ पुरूष व महिला कर्मचारी द्वारा गंभीर आरोप लगाये गये और लिखित रूप से इसकी शिकायत भी की गई जिसमें अश्लीलता करने जैसी शिकायत भी है। लेकिन विभाग में अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण आज तक इसके खिलाफ कोई कार्यवाही/जांच नहीं की गई।
कार्यवाही के नाम पर ट्रांसफर या प्रोमोशन ?
टिहरी के विधायक द्वारा लेखाकार संजीव कुमार के खिलाफ शिकायत होने के बाद इसका ट्रांसफर देहरादून किया गया। इतनी शिकायतों के बाद भी देहरादून आने पर अधिकारियों द्वारा देहरादून व बड़कोट का भी लेखाकार बनाया गया। बड़कोट में भी कर्मचारियों द्वारा इसके खिलाफ कई शिकायतें आती रही हैं, शिकायतों के साथ-साथ वहां के कर्मचारियों ने संजीव कुमार के खिलाफ धरना देने की चेतावनी दे डाली थी, इसके बावजूद भी अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। लेखाकार संजीव कुमार की कार्यशैली से कर्मचारी ही नहीं बल्कि कुछ अधिकारी भी परेशान रहे, क्योंकि इसकी वजह से कई बार विभाग में विवाद की स्थिति भी पैदा हो गई।
क्या है पुरे मामले में गंभीर मुद्दा ?
गंभीर मुद्दे पर विजय खण्डूड़ी ने बताया कि,
एक महिला कर्मचारी ने भी इस लेखाकार कर्मचारी के ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। और अपने शिकायत पत्र में कहा था कि यह लेखाकार कर्मचारी अपने निजी कार्य करवाने के लिए दबाव बनाता है और ऑफिस में बुलाकर कंप्यूटर पर अश्लील वीडियो दिखाता है जो की सेक्सुअल हरासमेंट के अंतर्गत आता है । यह शिकायत लिखित रूप से अधिकारी को सौंपी थी लेकिन आज तक इस लेखाकार संजीव कुमार पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। और अभी तक उस पीड़ित महिला को न्याय नहीं मिला पाया है।
साथ ही खण्डूड़ी ने बताया कि लेखाकार संजीव कुमार कर्मचारी पर यह भी आरोप है कि यह अधिशासी अभियंता बनकर साईड पर जाकर वसूली तक करता था। इस कार्य का पता जब अधिशासी अभियंता (ईई) को चला तो उस अधिशासी अभियंता ने इसको वार्निंग भी दी गयी थी। इस लेखाकार कर्मचारी ने अपने छोटे से वेतन में कुछ ही समय में करोड़ो की सम्पत्तियां भी इकट्ठी कर ली है। जिसके कारण भ्रष्टाचार में लिप्त होने की अत्यधिक संभावना है |
इतने शिकायतों और सबूतों के बाद अब आगे आप क्या करेंगे?
विजय खंडूड़ी ने बताया कि लेखाकार संजीव कुमार ने अपने खिलाफ दिये हुये शिकायत पत्र को भी विभाग से गायब करवा दिया है| संजीव कुमार के विरुद्ध काफी सबूत हमारे पास है, कुछ हम पर आरटीआई के माध्यम से आ चुके हैं व कुछ आने बाकी हैं।
अगर आरटीआई के माध्यम से वह महत्वपूर्ण सूचना नहीं आती हैं तो हम सूचना आयोग तक जाएंगे और सूचना आयोग से भी हमें मदद नहीं मिलती तो हम कोर्ट का सहारा लेंगे। लेकिन ऐसे भ्रष्टाचारियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। एवं जिन अधिकारियों का संजीव कुमार को संरक्षण प्राप्त हो रहा है, उनके खिलाफ भी सबूत इकट्ठा करने की कोशिश की जाएगी।
क्या पुलिस से लेकर प्रशासन तक सबकी मिली भगत है ?
अधिकारियों का संजीव कुमार को संरक्षण प्राप्त हो रहा साथ ही सेक्सुअल हरासमेंट की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो क्या पुलिस से लेकर प्रशासन तक सब मिले हुए है|
इसके जवाब में विजय खंडूड़ी ने कहा कि,नहीं मैंने ऐसा नहीं कहा पुलिस का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि जब तक पुलिस के संज्ञान में यह मामला नहीं आता तो पुलिस किस तरीके से कार्यवाही कर सकती है| अधिकारीयो को इसमें कार्यवाही करनी चाहिए थी जो की नहीं की गयी है|लेकिन मैं यह भी नहीं कह रहा हूँ कि सारे ही अधिकारी इसमें लिप्त हैं लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे जरूर है जिन्हें इसका संज्ञान था फिर भी उन्होंने इस पर कार्यवाही नहीं की और उनके खिलाफ भी सबूत इकट्ठा किये जा रहे है |