रिपोर्ट:-विशाल सक्सेना
रुद्रपुर भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बड़े उद्योगपति किसानों की जमीनों को महंगे दाम देकर खरीद लेंगे और यहां फैक्ट्रियां लगाएंगे। किसानों को मजदूर बना कर रखा जाएगा। आने वाले समय में किसान बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून किसी भी सूरत में लागू नहीं होने देंगे
उन्होंने कहा कि श्रम क़ानूनों में भी बदलाव कर दिया गया है। कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से कृषि कानून लाई है। इसी तरह श्रम कानून में बदलाव भी कार्पोरेट जगत को लाभ प्रदान करने के लिए किया गया है। कहा कि एमएसपी तो किसान को हर कीमत पर चाहिए। कहा कि किसान किसी भी सूरत में कृषि कानून बर्दाश्त नहीं करेंगे|
टिकैत ने उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में कहा कि पहाड़ से पलायन हो रहा है, जिसे रोका जाना जरूरी है। यहां के किसान को फल व सब्जियों का बाजिव मूल्य नहीं मिल पा रहा है। कहा कि पहाड़ में बाहरी लोगों के होटल हैं। जिस कारण टूरिज़्म का पैसा बाहर चला जाता है। यहां विलेज टूरिज़्म पॉलिसी की जरूरत है। यहां रहने वालों को पर्वतीय एलाउंस मिलना चाहिए। साथ ही किसानों को ट्रांसपोर्ट सब्सिडी मिलनी चाहिए। पहाड़ में जंगली जानवर फसलों के साथ ही जन मानस को क्षति पहुँचाते हैं। इसे रोकना सरकार की ज़िम्मेदारी है
महँगाई के मुद्दे को उठाया
किसान नेता ने कहा कि सिलेंडर साढ़े तीन सौ से साढ़े आठ सौ पहुंच गया। वह दिन दूर नहीं कि महिलाएं सड़क पर होंगी। डीजल के दाम बढ़ाए गए , महँगाई तो बढ़ेगी ही। कहा कि हमारे पूर्वजों ने जंगलों को खत्म करके उपजाऊ जमीन बनाई है, किसकी हिम्मत है कि हमसे जमीन छीन लेगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शांत बैठी है, लेकिन कुछ प्लान जरूर कर रही होगी। यह बहुत खतरनाक सरकार है। 26 जनवरी को एक बड़ा षड्यंत्र रचा गया। फिर कोई षड्यंत्र रचा जा सकता है। किसान का मनोबल तोड़ने के लिए परिवार व रिश्तेदारों के यहां छापे डलवाए जा सकते हैं। उन्होंने आंदोलन लंबा चलने का संकेत देते हुए कहा कि सभी को बार्डर पर आना होगा। उन्होंने आंदोलन में शहीद हुए लोगों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी शहादत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा|