आज संपूर्ण प्रदेश की निगाहें मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की कैबिनेट पर टिकी हुई थी क्योंकि, जनता नाइट कर्फ्यू एवं स्कूल खोलने के संबंध में शासन के निर्णय जानने के लिए बेसब्री से तीरथ कैबिनेट के निर्णयो का इंतजार कर रही थी|
आपको बता दें कि, आज नाइट कर्फ्यू रात्रि 10:00 बजे से सुबह 5:00 बजे) स्कूल खोलने , गैरसैंण कमिश्नरी आदि महत्वपूर्ण विषयों पर कैबिनेट में निर्णय लिये गये।
आपको बता दें, इन तमाम मुद्दों के बीच उपनल कर्मचारियों की नजर भी कैबिनेट के आने वाले निर्णय पर लगी थी क्योंकि, उपनल कर्मियों को अंदेशा था कि, आज की कैबिनेट में अवश्य ही उपनल कर्मियों की मांग के प्रस्ताव को रखा जाएगा| परंतु कैबिनेट के फैसलों मैं उपनल कर्मचारियों के मुद्दे पर कोई भी संवाद नहीं हुआ। जिसके कारण उपनल के मुद्दे पर आज की कैबिनेट में भी कोई फैसला हो सका।
उपनल कर्मी शाम को आने वाले कैबिनेट के निर्णय पर आंखें गड़ाए हुए सरकार के फैसलों का इंतजार कर रहे थे ।उन्हें पूरा विश्वास था कि, आज कैबिनेट में उनके हितों को ध्यान में रखकर फैसला लिया जाएगा| परंतु ऐसा हुआ नहीं ऐसा लगता है कि, उपनल कर्मचारियों को अब दूसरी कैबिनेट मीटिंग का इंतजार करना होगा जिसमें उपनल कर्मचारियों के हितों की मांग पर निर्णय हो।
उपनल कर्मियों के आंदोलन एवं जन सैलाब को देखते हुए यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि, सरकार का उपनल कर्मचारियों के हित में कोई बड़ा फैसला करती है या नहीं क्योंकि 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इतने बड़े जनसमूह को नजरअंदाज करना किसी भी राजनीतिक दल के लिए भारी सियासी नुकसान हो सकता है।