रुद्रप्रयाग।
रुद्रप्रयाग तहसील अंतर्गत कोठगी गांव की सीमा में खनन का स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध किया हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने खनन का पट्टा निरस्त करने की मांग की हैं। हाल ही में प्रशासन और पुलिस बल की टीम को ग्रामीणों ने बैरंग लौटा दिया था।
दरअसल, कोठगी गांव के निकट अलकनंदा नदी के तट पर खनन के लिए पट्टा स्वीकृत किया गया हैं। जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि, जिस स्थान पर खनन का कार्य किया जाना है, वहां ग्रामीणों का पैतृक घाट, पानी का स्रोत, गौचर की जमीन हैं। कोठगी के साथ ही भटवाड़ी, मदोला, क्वीली-कुरझण सहित अन्य गांवों के ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं।
ग्राम प्रधान कोठगी हरेंद्र जग्गी का कहना है कि, खनन से पेयजल स्रोत सूख जायेंगे। पशुओं को चराने में परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए जबरदस्ती खनन करने का प्रयास किया जा रहा हैं। ग्राम पंचायत ने खनन के लिए किसी तरह का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता मानवेन्द्र नेगी और अनदीप नेगी का कहना हैं कि, ग्रामीण रेता-बजरी और पत्थर के खनन का विरोध कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व ही प्रशासन और पुलिस बल को ग्रामीणों ने वापस भेज दिया था। खनन के विरोध में ग्रामीण आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
वहीं उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने खनन का विरोध कर रहे ग्रामीणों का समर्थन किया हैं।
उन्होंने कहा कि, प्रशासन पुलिस का भय ग्रामीणों को ना ही दिखाएं। जोर-जबर्दस्ती कर खनन करवाया गया तो इसका अंजाम सही नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि, ग्रामीण अपने पेयजल स्रोत, पैतृक घाट और गौचर की जमीन को लेकर चिंतित हैं और उनकी चिंता जायज़ भी हैं।
युवा नेता मोहित ने कहा कि, उत्तराखंड क्रांति दल ग्रामीणों के साथ पूरी ताकत के साथ खड़ा हैं। उन्होंने प्रशासन से जनहित में इस स्थान से जल्द से जल्द पट्टा निरस्त करने की मांग की।