स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड के नैनीताल में एक जांच में नैनीझील से कुछ दूर अंडर ग्राउंड वाटर बॉडी(जलभराव)मिलने के बाद उसका निस्तारण करना प्रशासन की प्राथमिकता बन गई है ।
तल्लीताल में 200 मीटर के दायरे में पानी जमा होने से चिंतित प्रशासन उस पानी को निकालकर उपयोग में लाने की कोशिश में जुटा है।
सिंचाई विभाग और जायका कंपनी की एक जांच रिपोर्ट में नैनीझील से कुछ दूरी पर भूमिगत जल भराव के संकेत मिले हैं । भूमिगत पानी, गवर्नमेंट इंटर कॉलेज(जी.आई.सी.)से लेकर सिपाही धारे(कारागार)तक लगभग 200 मीटर के दायरे में जमा हो रहा है ।भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र रईस होटल के समीप से पानी का मोटा धारा लगातार दिन रात वर्षभर बह रहा है ।
बताया गया है कि, प्रतिदिन बहने वाला पानी लगभग 6 एम.एल.डी.है और नैनीताल की कुल जनसंख्या की प्यास बुझाने के लिए भी प्रतिदिन 6 से 8 एम.एल.डी.पानी की आवश्यकता होती है । इससे पहले से भूस्खलन की भेंट चढ़े इस क्षेत्र को बड़े भूस्खलन का खतरा बनते जा रहा है ।
बताया गया कि, ऐसे में प्रशासन, जल संस्थान, सिंचाई विभाग और भूगर्भीय क्षेत्रों में विशेषज्ञों की बैठक के बाद लगभग ये तय हुआ है कि, इस पानी को बोरिंग करके निकाला जाएगा । इसके अलावा भूमिगत पानी को निकालकर टैंक में जमा और प्यूरीफाई करते हुए जनता को पीने के लिए सप्लाई किया जाएगा ।
माना जा रहा है कि, इससे नैनीझील पर दबाव कम होगा और भूस्खलन भी रुकेगा ।