रिपोर्ट/बिजेंद्र राणा
इंटर कॉलेज के एलटी शिक्षक को विभागीय एनसीओ के बिना ही सहायक रजिस्ट्रार पद पर प्रतिनियुक्ति करने का आदेश दिया गया हैं । विशेष छूट देते हुए मूल विभाग से एनओसी लेने को 1 महीने का वक्त दिया है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए शिक्षा विभाग ने तबादला एक्ट का नया फरमान जारी किया था। आपको बता दें कि तबादला एक्ट के विपरीत कहानी कुछ और ही बयां कर रही है।
प्रतिनियुक्ति तबादलों पर रोक के बाद भी शिक्षा विभाग में खेल जा रही है। ताजा मामला श्री देव सुमन विश्वविद्यालय का है जहां एक इंटर कॉलेज के एलटी शिक्षक को विभागीय एनसीओ के बिना ही सहायक रजिस्ट्रार पद पर प्रतिनियुक्ति पर रखने का आदेश कर दिया गया।
शिक्षा विभाग से विशेष छूट देते हुए मूल विभाग से एनओसी लेने को 1 महीने का वक्त दिया है।अपर सचिव उच्च शिक्षा एमएसएम वालों ने 7 जून को प्रतिनियुक्ति के एक आदेश किए।
आदेश में कहा गया कि, रुद्रप्रयाग कांडा भरतारजीआईसी में एलटी शिक्षक देवेंद्र सिंह रावत को श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में सहायक कुल सचिव पद पर पदभार ग्रहण करने की तारीख से 1 वर्ष का या नियमित नियुक्ति होने तक प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जाता है।
देवेंद्र सिंह रावत अपने विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर विधिवत कार्य मुक्त होकर 1 महीने में ज्वाइन कर लें यदि वे ज्वाइन नहीं करते हैं तो यही माना जाएगा कि, वह प्रतिनियुक्ति पर तैनात होने के इच्छुक नहीं है।
सरकार के इस आदेश से विद्यालयी शिक्षा विभाग हैरान है।एक तरफ तो शिक्षकों को तमाम आवेदन करने के वर्षों बाद भी तबादला और प्रतिनियुक्त नहीं मिलती और दूसरी तरफ रावत के मामले में सरकार ने बिना एनओसी लिए एकतरफा प्रतिनियुक्ति के आदेश दिए हैं ।
क्या शिक्षा विभाग में कायदे कानून सिर्फ आम शिक्षकों के लिए और रसूखदार शिक्षकों के लिए विभाग के नियम बदल जाते हैं।
देवेंद्र सिंह रावत को किसी दूसरे विभाग द्वारा एकतरफा नियुक्ति देने का यह पहला मामला नहीं है ।इससे पहले कृषि विभाग में दमयंती रावत, एवं यशवंत सिंह की प्रति नियुक्तियां भी प्रदेश में खूब छाया रहा।
आपको बता दें गत वर्ष कई शिक्षकों को बिना शिक्षा विभाग की विधिवत एनओसी लिए ही प्रतिनियुक्ति पर ले लिया था।हालांकि बाद में वह आदेश निरस्त करना पड़ा।
कुल मिलाकर शिक्षा विभाग का तबादला एक्ट विभाग पर ही भारी पड़ता नजर आ रहे हैं।