स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड में भीमताल के हैडाखान की गौला नदी को पार करने के लिए ग्रामीणों को जान हथेली में लेकर पर करनी पड़ रही है । ग्रामीण बिना पुल की नदी को पार कर घर जाने को मजबूर हैं ।
भीमताल विकास खंड के दुर्गम ओखलकांडा में उडुवा गांव नदी के पार बसा है । हल्द्वानी, काठगोदाम और नैनीताल को जोड़ने वाला मार्ग हैड़ाखान के एक हिस्से को जोड़ती है । गांव का दूसरा हिस्सा दोनों गांव के बीचों बीच से बहने वाली गौला नदी के पार बसा हैं ।
ग्रामीणों को नदी पार अपने घर उढुवा गांव जाने के लिए तेज बहाव वाली गौला नदी को जान हथेली में लेकर पार करना पड़ता है । नदी के इसी मार्ग से वर्षभर स्कूली बच्चों, बीमारों, गर्भवती महिलाओं और वृद्धों को आर पार जाना होता है । कई बार नदी के बहाव में हादसे भी हो चुके हैं ।
नदी हर वर्ष इसी तरह उफान पर रहती है, लेकिन लाख वायदों के बावजूद अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है । गौला नदी पर इस क्षेत्र में जमरानी डैम प्रस्तावित है, जिसके निर्माण के लिए 15 गांवों के 462 परिवारों को विस्थापित करने की योजना है।
गांव वालों का कहना है कि, अनाज की कमी के कारण क्षेत्रवासी अब भुखमरी के कगार पर हैं ।