ईएसआई लाभार्थियों को दो प्राइवेट अस्पतालों में इलाज न मिलने के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं ।
दरअसल श्री महंत इंद्रेश अस्पताल और हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट ने ईएसआईई पर अपना करोड़ो रूपये बकाया होने के चलते ईएसआई लाभार्थियों को इलाज देने से इनकार कर दिया ।
श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने घोषणा की थी कि, सभी प्राइवेट अस्पतालों में ईएसआईई लाभार्थियों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी, इसका शासनादेश भी जारी हो गया था।
श्री महंत इंद्रेश अस्पताल और हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट ने भी ईएसआई लाभार्थियों का इलाज किया लेकिन ईएसआई द्वारा उनका भुगतान रोक लिया गया हैं । जिसके चलते दोनों अस्पतालों ने ईएसआई लाभार्थियों को इलाज देने से इनकार कर दिया।
श्रम सचिव हरबंस सिंह ने बताया कि, इन दोनों अस्पतालों ने एसआई लाभार्थियों के इलाज से कार्य किया है इसलिए आपको इलाज नहीं किया जाएगा ।जैसे ही उनके भुगतान की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी इलाज की सुविधा शुरू की जाएगी ।
प्रदेश में करीब 7.50 लाख ईएसआई कार्ड धारक हैं ।उन्हें व उनके परिजनों को मिलाकर यह संख्या करीब 20लाख है।