स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड में वर्ष 2013 की भयावह केदारनाथ आपदा के दौरान पड़ी बरसात की तरह ही इस वर्ष भी ग्रीष्मकाल में तेज बरसात देखने को मिली है । भारी बरसात के कारण नैनीझील का जलस्तर असामान्य तरीके से बड़ा है ।
उत्तराखंड के पहाड़ों में जुलाई से शुरू होकर बरसात का मौसम सितंबर मध्य तक चलता है । पहाड़ी क्षेत्र में लगातार धीमी गति से बरसात होने के कारण कोई परेशानी नहीं होती थी । अब मौसम के परिवर्तन के बाद बरसात मई और जून माह में वृहद स्तर पर देखने को मिल रही है ।
वर्ष 2011 से 2021 में एक जून से 20 जून तक हुई बरसात और झील का जलस्तर ।
झील का जलस्तर बरसात
वर्ष 2011 – 0 फ़ीट 429 एम.एम.
वर्ष 2012 – 0 फ़ीट 46 एम.एम.
वर्ष 2013 – 8.10 फ़ीट 1365 एम.एम.
वर्ष 2014 – 0 फ़ीट 240 एम.एम.
वर्ष 2015 – 2.80 फ़ीट 22 एम.एम.
वर्ष 2016 – -4.50 फ़ीट 227 एम.एम.
वर्ष 2017 – -6.80 फ़ीट 351 एम.एम.
वर्ष 2018 – -2.25 फ़ीट 159 एम.एम.
वर्ष 2019 – 0.33 फ़ीट 39 एम.एम.
वर्ष 2020 – 6.33 फ़ीट 122 एम.एम.
वर्ष 2021 – 6.00 फ़ीट 397 एम.एम.
एक अंदाज के लिए वर्ष 2015 में 19जून और 20 जून को बरसात का अनुपात देखें तो 3एम.एम.और 4एम.एम.थी जबकि वर्ष 2021 में 19 जून को 115एम.एम.और 20 जून को 116एम.एम.वर्षा हुई थी।