एक्सक्लूसिव बागेश्वर- राजकुमार सिंह परिहार
जिला पंचायत बागेश्वर में राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज। जिपं अपर मुख्य अधिकारी से वार्ता फिर विफल।
विपक्ष के सदस्यों ने लगाया पक्षपात करने का आरोप। जिला प्रशासन पर आमरण अनशन की चेतावनी का नही दिखा कोई असर। नही पहुँचा कोई सुध लेने।
बता दें कि मंगलवार को जिला पंचायत सदस्य भैरुचौबट्टा की सदस्या गोपा धपोला ने आमरण की अनशन की घोषणा का कोई असर देखने को नही मिला। जिपं अपर मुख्य अधिकारी ड़ॉ सुनील कुमार ने अपनी असमर्थता व्यक्त करते हुए सदस्यों से सदन का मामला बताकर सदन की बैठक बुलाकर बात रखने की बात की।
उन्होंने बताया कि अध्यक्ष से इस पर सहमती नही बन पा रही है इसलिए मैं अपने स्तर पर कोई कार्यवाही नही कर सकता हूँ। 20 दिन के धरने के बाद आज तिथि तक भी कोई सदन की बैठक को लेकर कार्यवाही अमल में न लाना प्रशासन की गम्भीरता व्यक्त करता है।
धरने पर बैठे सदस्यों ने जिला पंचायत के अधिकारियों पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि हमें व हमारी बातों को गम्भीरता से नही लिया जा रहा है। यदि गम्भीरता से लिया होता तो आज तक कोई बात मध्यस्था को लेकर आते।
धरने पर बैठे सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी मंशा नियमों के विरुद्ध है, इनके द्वारा सदन में कहा कुछ जाता है और सदस्यों को गुमराह कर किया कुछ और जाता है।लगातार इन लोगों द्वारा मिलीभगत कर हमारे व हमारे क्षेत्र की जनता के विकास के साथ विश्वासघात कर रहे हैं।
सुबह शाम आकर दो बातें कर चले जाते हैं एएमए –
धरने पर बैठे सदस्यों ने आरोप लगाते हुए अपर मुख्य अधिकारी ड़ॉ सुनील कुमार पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आप रोज़ सुबह और शाम हमारे सामने बैठते हैं दो बातें कर चले जाते हैं, बिना अध्यक्ष की आज्ञा के बगैर कोई कार्य करने में अक्षम है एएमए जिला पंचायत। वह हर रोज़ सदन का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। आमरण अनशन को रोकने के लिए वार्ता करने आये जिपं एएमए सदस्यों को समझाने में खबर लिखे जाने तक नाकाम रहे। धरने पर बैठे सदस्यों से एएमए जो चाहिए लिख कर देने की बात कहते नजर आए।
अपने परिवार को समझाने नही पहुंची अध्यक्ष-
बागेश्वर जिला पंचायत में लगातार अनिमियत्ताओं को लेकर धरने पर बैठे नौ सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यक्ष मुख्यमंत्री के जश्न में ख़ुश हैं उन्हें अपने परिवार की पीड़ा से कोई लेना-देना नही है। आज धरने को बीस दिन हो गए हैं जिस पर सिर्फ दो बार बात करने जिला पंचायत अध्यक्ष बसन्ती देव पहुंची। कल आमरण अनशन की चेतावनी के बाद से खबर लिखे जाने तक कार्यालय नहीं पहुंची अध्यक्ष। न ही धरना स्थल पर अपने नाराज़ सदस्यों से वार्ता कर मनाने पहुंची अध्यक्ष। अब देखने वाली बात यह है कि कब तक इन सदस्यों की बात पर अमल किया जाता है या यूँ ही धरने को छोड़ दिया जाता है।