धारी ब्लॉक के बिरसंगिया के ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान किया हैं ।
दरअसल, धारी ब्लॉक के बिरसंगिया के ग्रामीण दशकों से सड़क की मांग कर रहे हैं । लेकिन ग्रामीणों को बस जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से मात्र आश्वासन ही मिला , सड़क से आज भी वंचित हैं ।
उत्तराखंड राज्य के गठन के इतने साल बीतने के बाद भी आज तक कोई जनप्रतिनिधि व अधिकारी ग्रामीणों को सड़क से नहीं जोड़ पाया है ।
ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में तत्कालीन डीएम सविन बंसल ने अपने गांव प्रवास के दौरान सड़क की स्वीकृति के साथ सर्वे व डीपीआरके में 70 लाख की धनराशि देने की बात कही थी ,परंतु आज तक कार्य धरातल पर नहीं कर सके है।
सामाजिक कार्यकर्ता रमेश टम्टा ने बताया कि बिरसंगिया गांव अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव है। जहां के ग्रामीण 5 किलोमीटर पैदल दूरी तय करने को मजबूर है।
ग्रामीणों को सड़क से गांव की दूरी ज्यादा होने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए वन विभाग को 90 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरण भी की हैं।विधायक राम सिंह खेड़ा ने अपनी विधायक निधि से ग्रामीणों के लिए 2 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य कराने का प्रयास किया परन्तु वन विभाग ने रोक दिया हैं ।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश टम्टा , प्रधान पुष्पा देवी ,पूर्व प्रधान जयराम आदि ने गांव के लिए सड़क की मांग की हैं ।