इंद्रजीत असवाल
कल्जीखाल
सतपुली :
जनपद पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक के रौतेला सैण में हजारों पेड़ कटने व लोगो की जमीनों पर अवैध कब्जे की खबर बहुत दिनों से सोशल मीडिया की सुर्खी बनी हुई हैं ।
आपको बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है
विगत कुछ समय पहले प्रशासन के निचले अधिकारियों व स्थानीय दलालों जनप्रतिनिधियों के द्वारा गांव के भोले भाले लोगों में डर का माहौल बनाया गया कि यहाँ पर सरकारी सौर ऊर्जा का प्लांट लग रहा है। आपकी भूमि को प्रशासन ने बंजर घोषित कर रखा है ।
इस तरह डर का माहोल बना कर प्लांट मालिक विनय गोयल , गौरव गोयल ,जय भगवान गोयल ,अनीता अग्रवाल , अनिल अग्रवाल एवं वरुण अग्रवाल द्वारा बहुत ही सस्ती दरों पर गांव के आरक्षित वर्ग की भूमि तक खरीद दी गई।
जो रजिस्ट्री से प्रमाणित किया जा सकता है अभी भी अन्य जमीनों की खरीदफरोख्त के लिए इनके दलाल रौतेला और कुड़ीगांव में सक्रिय हे ।
जिन लोगो ने जमीन नहीं बेची उनको तिगुने दाम देकर बेचने के लिए दवाब बनाया जा रहा है ।
वर्ष 2018 से आरक्षित भूमि को सामान्य वर्ग के द्वारा खरीदा जा रहा है ।यहां पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के नाम पर प्रशासन के निचले अधिकारी जिसमे कानूनगो और पटवारी की मिली भगत साफ देखी जा सकती हैं।
पिछले 3 वर्षों में खरीदी व बेची गई जमीनो की पैमाईश अभी तक नही हुई हैं ।जितनी भी भूमि खरीदी गई है उसके सभी खातेदारों से अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिए गए है और ना ही उनको कोई नोटिस भेजा गया।
क्योंकि अधिकांश लोग दिल्ली देहरादून जैसे शहरों में नौकरी कर रह हे तो उनकी जानकारी के बिना ही उनकी भूमि को बेच दिया गया है।
बटवारे के और बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए पटवारी और कानूनगो की मिली भगत से विनय गोयल और अग्रवाल परिवार के फायदे की लिए नियमों को ताक पर रख कर पूरी भूमि खरीद फरोख्त को सही प्रमाणित किया गया ।
सबसे मुख्य बिंदु :
रौतेला गांव से कई पत्र पैमाईश के लिए तहसील भेजे गए हैं लेकिन अभी तक जमीन की पैमाईश नही हो पाई है।
और प्लांट वालो के द्वारा बिना पैमाईश की भूमि जो सिर्फ कागजों में खरीदी गई है उस पर अपनी मन मर्जी से अतिक्रमण किया जा रहा है ।
प्रशासन ने अपने गलत करनी को छुपाने के लिए सिंचित भूमि के स्टेटस को खत्म करके वाणिज्यिक स्टेटस दे दिया है ताकि पिछले काले कारनामों को छुपाया जा सके।
आप नेता मनोहर लाल पहाड़िया ने कहा कि, प्रसाशन जल्द गांव की जमीन की पैमाइस कराए व कटे गए पेड़ो का जुर्माना लगाये अन्यथा आप इसके लिए बड़ा आंदोलन करेगी ।
विगत तीन दिन पहले वन विभाग के फोरेस्टर धन सिंह नेगी मौके पर आए ।उन्होंने केवल 22 ही पेड़ देखे , अब इससे लगता है कि इन्ही अधिकारियों के द्वारा हाजरो पेड़ो की बलि करवाई गई है ।