एक्सक्लूसिव रिपोर्ट बागेश्वर- राजकुमार सिंह परिहार
धरने का असर अब खुलकर दिखने लगा है जिसका एक नया मंजर आज देखने को मिला जब जिला पंचायत के लेखाकार व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का स्थानांतरण आदेश कार्यालय को प्राप्त हुआ। जिस पर धरने पर बैठे सभी नौ सदस्यों ने जिला पंचायत पर भ्रष्टाचार में सम्मिलित होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अब दिखने लगा है जांच का डर तो होने लगे स्थानांतरण।
जिला पंचायत कार्यालय बागेश्वर को पंचायतीराज विभाग देहरादून के संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी द्वारा लेखाकार गोविन्द सिंह भौर्याल को तत्काल प्रभाव से नैनीताल में रिक्त लेखाकार पद पर तैनात करने एवं जिला पंचायत बागेश्वर में लेखाकार के पद पर गिरीश जोशी सहायक लेखाकार जिला पंचायत रुद्रप्रयाग को आदेश पत्र जारी कर जानकारी दी गई।
साथ ही जिला पंचायत बागेश्वर के कार्यालय में अनुभागीय मुख्य लिपिक मनोज कर्म्याल को अग्रिम आदेशों तक नोडल अधिकारी, जल जीवन मिशन कार्यालय बागेश्वर में सम्बद्ध किया जाने व इस दौरान उनका वेतन पूर्व की भांती ही जिला पंचायत से देय होगा। इस आदेश के बाद जिला पंचायत बागेश्वर में हड़कम्प मचा हुआ है।
आन्दोलन के 46 दिन बाद आखिरकार एक साथ महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे कर्मचारियों का यूँ स्थानांतरण समझ से परे है। इस पर भ्रष्टाचार की बूं आने लगी है। पिछले 15 जून से लगातार जिला पंचायत परिसर में आंदोलनरत जिला पंचायत सदस्यों से जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देब की वार्ता अब तक तीन बार विफल रही।
धरने मे बैठे जिपं सदस्यों ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष सदस्यों के साथ -साथ जिला पंचायत के अधिकारी, कर्मचारी व बागेश्वर की जनता को भी लगातार गुमराह कर रही है इसलिए उन पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कल तक यही कर्मचारी अच्छे व चहेते थे तो आज बुरे कैसे ? यह अपने आप में बहुत कुछ साबित करता है।उन्होंने आन्दोलन पर जल्द कार्यवाही न होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी भी दी है।