दोगी पट्टी क्षेत्र में हुई भारी बारिश और तबाही की वजह से ग्रामीणों का नुकसान होना सिर्फ दैवीय आपदा ही नहीं अपितु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत उस डिपार्टमेंट की गलती से भी हुआ है जिन्होंने बिना डम्पिंग जोन के बनाई सड़क का मलबा जगह जगह फेंक कर ग्रामीणों की जिंदगी खतरे में डाल दी है।
पहाड़ो में ध्याड़ी मजदूरी व खेती बाड़ी कर जीवन यापन करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि “हमारे जो खेत व फसली जमीन थी वो सब बह गए हैं और खेतों के बहने से हमारा जीवन यापन करना बहुत मुश्किल है आखिर हम जाए तो जाए कहाँ?”
दोगी पट्टी के कई हिस्सों में खेत व मकान भी ध्वस्त होने की खबर सुनते ही सरदार सिंह पुंडीर ने क्षेत्र का जायजा लिया।
सरदार सिंह पुंडीर का कहना है कि 2014 में भी ऐसी ही स्थिति हुई थी तब से लेकर अब 2021 तक इन सात सालों में सरकार ने ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ली और न ही कोई उचित व्यवस्था की, जबकि ये जानते हुए की दोगी पट्टी के इस क्षेत्र “मजियाणी गांव” में आपदा का खतरा बना रहता है और यहाँ ग्रामीणों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। इसलिए हम सरकार से ग्रामीणों के लिए उचित मुआवजे व ग्रामीणों को पुनर्वास करने की मांग करते हैं।
यूकेडी नेता संजय रावत ने कहा कि यह जो भी ग्रामीणों का नुकसान बारिश के कारण हो रहा हैं यह अधिकारीयों की बहुत बड़ी लापरवाही हैं । सरकार ग्रामीणों पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रही हैं ।