स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड के नैनीताल में पंडित गोविंद बल्लभ पंत जयंती के अवसर पर कुमाऊं यूनिवर्सिटी के कुलपति ने विश्वविद्यालय के शोध विभाग का नाम भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंफ्लेशन किया है। यहां शोध करने वाले छात्रों को आर्थिक लाभ भी दिया जाएगा ।
कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति नवीन कुमार जोशी ने भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती के मौके पर विश्वविद्यालय के शोध विभाग का नाम पंडित जी के नकम पर शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि विधार्थी आने वाले समय में यहाँ से स्नातक और शोध कर सकेंगे।
बताया गया की इस पहल का उदेश्य यह है की गोविंद बल्लभ पंत का झुकाव शोध की तरफ ज्यादा था । गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितंबर 1887 में हुआ । वह उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। इसके बाद वे भारत के गृहमंत्री बने।
भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और जमींदारी प्रथा को खत्म कराने में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। भारत रत्न का सम्मान उनके ही गृहमंत्री काल में शुरू किया गया था। वर्ष 1925 में उन्होंने हिंदी को शिक्षा और कामकाज का माध्यम बनाने की जोरदार मांग की, जिसके बाद महात्मा गांधी ने कहा की राष्ट्रभाषा के बिना देश गूंगा है। उनका उदेश्य शिक्षा और प्रांत को साथ मिलाना था ।
डॉ.जोशी का कहना है की सच्चे शब्दों में उन्हें श्रद्धांजलि, यहाँ पर शोध केंद्र बना कर ही दी जा सकती है। उन्होंने बताया की जो छात्र यहाँ से शोध कर अपना शोध कार्य पेटेंट कराएंगे उनका खर्चा कुमाऊँ विश्वविद्यालय खुद वहन करेगा।