उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने समाज कल्याण अधिकारी टीकाराम मलेथा के घर पर नोटिस चस्पा किया है।
वह वर्ष 2020 में कनखल थाने में दर्ज मुकदमे में अपना पक्ष रखने एसआईटी के सामने नहीं आ रहे थे।टीकाराम मलेथा को अपना पक्ष रखने के लिए विभिन्न माध्यमों से सूचित किया गया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए।
एसआईटी के मुताबिक मलेथा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसआईटी से मिली जानकारी के अनुसार सरस्वती प्रोफेशनल डिग्री कॉलेज जगजीतपुर हरिद्वार में वर्ष 2015-16 के दौरान 41 लाख रुपये से ज्यादा की छात्रवृत्ति भेजी गई थी। छात्रवृत्ति की यह रकम कॉलेज के संचालकों व कथित छात्रों के खातों में गई, जिसे संचालकों ने निकाला। इस बात के पुख्ता सुबूत मिलने पर कनखल थाने में एक मुकदमा दर्ज किया गया था। उस वक्त हरिद्वार के समाज कल्याण अधिकारी टीकाराम मलेथा थे।
वर्तमान में मलेथा चमोली के प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी हैं। उन्होंने कथित 91 छात्रों का फर्जी भौतिक सत्यापन दर्शाया था। इस तरह उन पर कॉलेज के स्वामी को आर्थिक रूप से अवैध लाभ पहुंचाने का आरोप है। उन्हें भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया था। मुकदमे की विवेचना इंस्पेक्टर सुंदरम शर्मा कर रहे हैं।
रविवार को उनके निजी आवास खन्ना नगर ज्वालापुर हरिद्वार में नोटिस चस्पा किया गया है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। कॉलेज के संचालक जगदीश विरमानी निवासी किशनपुरी जगजीतपुर, थाना कनखल, हरिद्वार के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है।