स्टोरी(कमल जगाती,नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पंतनगर में नैशनल हाइवे, नंगला और पंतनगर यूनिवर्सिटी की जमीन पर अतिक्रमण करने के खिलाफ दायर जनहित पर सुनवाई करते हुए लोकनिर्माण विभाग, वन विभाग और पंतनगर विश्विद्यालय को निर्देशित करते हुए कहा है कि अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर 15 नवम्बर तक विस्तृत रिपोर्ट न्यायालय में पेश करे।
मामले की सुनवाई के लिए न्यायालय ने एक दिसंबर की तिथि निहित की है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की खण्डपीठ में हुई।
पूर्व में जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में माना था कि इन जगहों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है । पन्तनगर विश्वविद्यालय की भूमि पर 238 अतिक्रमण, नैशनल हाइवे पर 498 अतिक्रमण और फारेस्ट की भूमि पर 136 लोगों ने अतिक्रमण किया है।
आज पंतनगर विश्वविद्यालय ने शपथपत्र देकर कहा कि उन्होंने 238 अतिक्रमणकारियो को चिन्हित कर नोटिस दिया है । इसमें से 85 लोगो ने केस दायर कर दिया है। अन्य लोगो को हटाने की प्रक्रिया चल रही है।
वहीं नैशनल हाइवे की तरफ से पेस शपथपत्र में कहा गया है कि उन्होंने 498 लोगो को चिन्हित कर उन्हें नोटिस दे दिया है । इसमें से दो लोगों ने केस दर्ज किया, बाकि 496 लोगो के पास कोई सबूत नही है और उन्हें हटाने की प्रक्रिया चल रही है। वन विभाग ने 136 अतिक्रमणकारियो को चिन्हित कर फारेस्ट एक्ट में नोटिस दिया है।
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अमित पांडे ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि जिला उधमसिंह नगर के पंतनगर – नगला, नैशनल हाइवे और पंतनगर यूनिवर्सिटी तथा वन विभाग की सरकारी भूमि पर पिछले कई वर्षों से अतिक्रमण कर अवैध रूप से निर्माण कर लिया है। इससे नैशनल हाइवे की सड़क संकरी हो गई है और सड़क पर दुर्घटनाओं की सम्भावना बनी हुई है।
पिछले कुछ वर्षों में सार्वजनिक सम्पत्ति पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो गया है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है की नैशनल हाइवे और पंतनगर यूनिवर्सिटी की भूमि में अतिक्रमणकारियो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए और उन्हें हटाया जाय।