लैंसडाउन :
वैसे तो पहले से ही कांग्रेस हर जगहों पर गुटों में बंटी है। हमारे द्वारा पहले भी चौबट्टाखाल विधानसभा की समीक्षा दिखाई गई थी ताकि कांग्रेस अपनी स्थिति को संभाल सके।
आज हम आपको लैंसडाउन विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति दिखा रहे हैं,यहाँ पर चार लोग अलग अलग गुटों में प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
हम हर गुट के हीरो की कितनी पकड़ है जनता के बीच , आखिर किसको टिकट मिलने पर मोहर लग सकती है ,सब आपको दिखा रहे हैं।
दीपक भण्डारी, ज्योति रौतेला, रंजना रावत ,रघुवीर बिष्ट ये है चार दमदार जो लैंसडाउन विधानसभा से कांग्रेस के टिकट की दावेदारी पेश कर रहे हैं। इनके बारे में हम आपको कुछ विशेष बता रहे हैं।
ज्योति रौतेला 2012 में इस विधानसभा से चुनाव हार चुकी है और सबसे बड़ी बात ये है कि तीसरे नंबर पर थी, लेकिन अब जब चुनाव नजदीक आये तो विगत कुछ समय पहले से इलाके की समस्याओं पर मुखर होकर वार्ता कर रही है।
विधानसभा क्षेत्र में हर जगह अपना दौरा कर चुकी है व हंस फाउंडेशन की राशन बांट कर लोगो का मन मोहने में कोई कसर नही छोड़ रही है। कड़क व्यवहार व ग्रामीण लोगो के साथ अच्छा व्यवहार करती है। जिससे कुछ गाओं में अच्छी पकड़ है। धन धान्य से देखे तो मजबूत पार्टी है यानी चुनावो में खूब धन का प्रयोग कर सकती है।
रंजना रावत ये नाम लैंसडाउन विधानसभा के लिए नया नाम है, वैसे रंजना रावत नैनीडांडा इलाके से है और पहले से ही कोटद्वार में रहती है ओर मनीष खंडूरी की गुट की है।
अब जब चुनाव नजदीक आये तो रंजना रावत भी कोटद्वार छोड़ लैंसडाउन विधानसभा में दावेदारी करने पहुँची है और काफी समय से विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में वोटरों तक पहुच बनाने की कोसिस कर रही है।
रघुवीर बिष्ट पहले दिल्ली में कार्यरत थे , जब जनरल टीपीएस रावत राजनीति में आये तो रघुवीर बिष्ट उनके पीआरओ बने ।
अब खुद को जनरल टीपीएस रावत के राजनीतिक उत्तराधिकारी बताते हैं। माना जाये तो रघुवीर बिष्ट केवल नैनीडांडा ब्लॉक तक ही सीमित है अभी इनको ज़हरीखाल रिखणीखाल इलाके में कम ही या ये कहो कि इनकी यहाँ पर पकड़ जीरो है। चुनाव के मध्यनजर कभी कभार क्षेत्रों में सोशल मीडिया के माध्यम से दिख रहे हैं ये भी अपने को प्रबल दावेदार मान रहे हैं।
अब है लास्ट दीपक भण्डारी जो छात्र जीवन से ही राजनीति में है अच्छे वक्ता भी है बहुत पहले निर्दलीय चुनाव लड़कर तीसरे नंबर पर रहे व्यवहार कुशल ओर एक फोन में लोगो के साथ एकदम खड़े होने की इनकी सबसे बड़ी खासियत है । किसी भी मुद्दे की बात हो यदि दीपक तक पहुच गई तो दीपक खड़ा हो जाता है ।जनता के साथ, पहले जिला पंचायत सदस्य और इस बार ब्लॉक प्रमुख ज़हरीखाल है।
बहुत पहले की बात है कि ग्राम बन्दून वासियो का एक पानी का मुद्दा था कोई भी जनप्रतिनिधि ग्राम वासियो के साथ खड़ा नही हुआ। आज तो चुनाव है इसलिये कई नेता वहाँ पहुच रहे होंगे लेकिन उस वक्त अकेला दीपक ही उनके साथ था।
ऐसा ही एक मुद्दा था ग्राम सभा पुंडीर गांव के मन्जकोट का जहाँ पर एक बाबा का आतंक छा रखा था ।इस मामले में भी कोई नेता आगे नही आया क्योकि बाबा अमीर होने के साथ साथ सत्ता धारी पार्टी के किसी बड़े मंत्री की वजह से महफूज है ।इस मामले में भी दीपक गांव वासियो के साथ खड़ा हो गया, ऐसे असंख्य मुद्दे है जिनमे दीपक ने जनता का साथ बिना लोभ लालच के दिया।
आज बात की जाय लैंसडाउन विधानसभा की तो कांग्रेस में सबसे दमदार दावेदार दीपक ही है जो कांग्रेस की नया पार लगा सकता है दीपक ज़हरीखाल ही नही अपितु नैनीडांडा रिखणीखाल तक युवाओं में अच्छी पकड़ रखते हैं।