इंद्रजीत असवाल
लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल
लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में कई नेता आज अपनी किस्मत आजमाने के लिए आज जनता के बीच जा रहे हैं । कांग्रेस से चार दावेदार है तो वही भाजपा से अभी तक तीन दावेदार सामने आ रहे हैं ।
कांग्रेस दावेदार में सबसे आगे दीपक भण्डारी,दूसरे पर ज्योति रौतेला,तीसरे पर रंजना रावत, चौथे स्थान पर रघुवीर बिष्ट का नाम आगे आ रहा है , जबकि यदि देखा जाय तो इन सबमे यदि भाजपा को कोई टक्कर दे सकता है तो उसमें दीपक भण्डारी का नाम आगे चल रहा है।
वही भाजपा में कद्दावर नेता हरक सिंह रावत की पुत्रबधू अनुकीर्ति गुसाई रावत जो शायद भाजपा से लैंसडाउन विधानसभा से उम्मीदवार हो सकती है।
वही नीरज पन्त भी दावेदारी दिखा रहे हैं तो उसके बाद आता है दिलीप सिंह रावत का नाम जो 10 सालों से इस सीट पर काबिज है ।
वैसे तो अभी कवायद यह भी है कि चुनाव आते आते हरक पाला बदल सकते हैं यदि ऐसा हुआ तो अनुकीर्ति कांग्रेस से चुनाव लड़ेगी ,अभी तक तो भाजपा से ही दावेदारी मानी जा रही है।
लेकिन इस समय हरक सिंह चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं, इसलिये उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी उनकी पुत्रबधू अनुकीर्ति गुसाई रावत की अपने NGO से लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश जारी है।
आपको अवगत करा दे कि अनुकीर्ति कुशल वक्ता होने के साथ साथ मिलनसार प्रविर्ती की है और लैंसडाउन बाजार या आसपास के गांव में पकड़ इसलिये भी बनती है कि अनुकीर्ति के मायके के ये नजदीकी गांव है और बाकी लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र के कई छोटे बाजारों में NGO के माध्यम से पहचान बनाने में जुटी है ।
आपको बता दें कि विगत कई समय से लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में अनुकीर्ति गुसाई रावत लगातार क्षेत्र भर्मण पर है व अपने NGO से लोगो को फायदा दिलाने की बात भी करती हैं ।
आपको बता दें कि वो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और लैंसडाउन के कई बाजारो मे कम्पुटर केंद्र खोले है, जिसमें वो युवाओ को रोजगार देनें की बात कही बार अपने भाषणों में करती दिखी है।
आपको बता दें कि इनके संस्थान का जो हेड ऑफिस समखाल में बना है वहाँ पर pwd व वन विभाग द्वारा बडी किरपा बरखी हुई है ये आप स्वयं देख सकते हैं ।
दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि अनुकीर्ति कहती है लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र उसका मायका है वो मायको को तरजीह देंगी अनुकीर्ति ने राजनीतिक जीवन में आने के लिए लैंसडाउन विधानसभा को चुना इसलिये उसने केवल लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र को ही फोकस बनाया ,जबकि सत्य ये है कि अनुकीर्ति का मायका चौबट्टाखाल विधानसभा के ग्राम कंदोली है। उनके पिता का नाम उत्तम गुसाई है , चौबट्टाखाल विधानसभा या अपने विधानसभा क्षेत्र को इसलिये अनुकीर्ति ने महत्त्व नहीं दिया क्योंकि यहाँ से उन्होंने राजनीति नही करनी है ।
अब यदि देखा जाय तो अनुकीर्ति के ऊपर दिग्गज नेता हरक सिंह रावत का हाथ है, क्युकी मंत्री हरक सिंह रावत इस विधान सीट से काँग्रेस 10 सालो तक मंत्री रहे है तो उसका भी सीधा फायदा अनुकृति को मिल सकता है और यदि अनुकीर्ति चुनावी मैदान में आती है तो उनकी इस विधान सभा सीट से जितने कि पूरी संभावना है।
हालांकि अब देखना ये हैं कि लैंसडाउन सीट से इस बार किस किस को टिकट मिलता है और जानता किसको अपना विधायक बनाती है।