पौड़ी गढ़वाल आज सबसे ज्यादा पलायन का दंश झेल रहा है। मुख्यमंत्री केवल महिलाओं को भ्रमित करने के लिए चुनावी स्टंट के तहत अल्प धनराशि के चेक वितरित करने का नाटक कर रहे हैं ।
मुख्यमंत्री सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाने के लिए नहीं केवल अपने संगठन को बढ़ाने के लिए और रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए पौड़ी का दौरा कर रहे हैं,जो सरासर गलत है और आपत्तिजनक है।
भारत की प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री राज्य की परिसंपत्तियों पर उत्तर प्रदेश के साथ वार्ता करनी चाहिए थी और उसके ठोस समाधान किया जाना चाहिए था ।
राज्य में पलायन रोकने के लिए हमारे पौड़ी जिले के साथ साथ संपूर्ण उत्तराखंड में भी उद्योग स्थापित करने और युवाओं को रोजगार से जोड़ने के संसाधन के संबंध में जनता को बताना चाहिए कि उनकी सरकार ने अब तक क्या काम किया है ।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने पलायन पर कोई कार्य आज तक नहीं किया है, जिससे प्रदेश के साथ-साथ पौड़ी गढ़वाल की भी स्थिति दयनीय हो गई है। भारत के प्रधानमंत्री देहरादून में लाखों लोगों की रैली करने की जुगत में है जबकि वर्तमान में घातक करोना बैरियर उत्तराखंड में आ चुका है। रैली में जाने से लोगों को करोना फैलने की अधिक आशंका है,जिसके लिए प्रदेश की सरकार एवं केंद्र सरकार के मुखिया भविष्य में दोषी होंगे।
उत्तराखंड क्रांति दल इस प्रकार की स्थिति आने पर प्रबल विरोध तो करेगा ही,साथ ही सरकारों से आर पार की लड़ाई भी लड़ेगा।
भारतीय जनता पार्टी केवल धर्म की आड़ पर राजनीति करती है। राज्य का युवा अब यह जान चुका है कि देवस्थानम बोर्ड बनाने से या उसको भंग करने से कोई फायदा होने वाला नहीं है।केवल यह चुनावी और राजनीतिक स्टंट था,जिसको सरकार अपने पक्ष में राजनीतिक हवा बनाना चाहती थी लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी को मुंह की खानी पड़ेगी। उसको बेरोजगारी और विकास के आंकड़े राज्य की जनता और युवाओं के सामने प्रस्तुत करने होंगे।
महिलाओं की दुर्दशा पर भारतीय जनता पार्टी ने अब तक किए गए कार्यों का विवरण महिलाओं के सामने रखना चाहिए ।