देहरादून।
भारत के ख्याति प्राप्त पर्वतारोही ब्रिगेडियर (से.नि.) अशोक अब्बे श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में मेडिकल छात्र-छात्राओं व फेकल्टी सदस्यों से रूबरू हुए। उन्होंने देश की नामचीन चोटियों पर पर्वतारोहण व ट्रैकिंग के साहसिक अनुभवों, रोमांच व पवर्तारोहण में सफल होने के लिए ध्यान रखने वाले महत्वपूर्णं बिन्दुआंे को रेखांकित करते हुए मार्गदर्शन किया।
बुधवार को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के सभागार में अस्पताल चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय पंडिता व श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के समन्वयक डॉ आर.पी. सिंह ने मेडिकल छात्र-छात्राओं से उनका परिचय करवाकर स्वागत किया। ब्रिगेडियर (से.नि.) अशोक अब्बे ने अपने सम्बोधन में छात्र-छात्राओं को पर्वतारोहण की बारीकियों को समझाते हुए स्वयं का प्रबन्धन, समय सीमा का निर्धारण, जीवन रक्षक किट की सुरक्षा व उपयोग व ऊंचाई पर ध्यान दी जानी वाले महत्वपूर्णं विषय समझाए। पर्वतारोहण में विषम परिस्थितयों के सामने आने पर जैसे उंचाई में आक्सीजन की कमी, बर्फीले तूफान, अति संवेदनशील व चुनौतीपूर्णं परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखना व सही निर्णय का चयन करना जैसे सूक्ष्म बिन्दुओं की बारीकियों को समझाया। उन्होंने सकारात्मक सोच व सकारात्मक योजना को सफल पवर्ततारोही का मूल मंत्र बताया। पर्वतारोहण में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ब्रिगेडियर अशोक अब्बे ने कराकोरम व अन्य हिमालय की चोटियों पर अपने पर्वतारोहण व मेडिकल दुविधा में फंसे पर्वतारोहियों के जीवन रक्षक अभियान से जुड़े संस्मरणों को भी सांझा किया।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के समन्वयक डॉ आर.पी. सिंह ने ब्रिगेडियर (सेनि.) अशोक अब्बे का धन्यवाद देते हुए कहा कि मेडिकल छात्र-छात्राओं व फेकल्टी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास में साहसी खेल कूद व कार्य जैसे पवर्तारोहण व ट्रैकिंग का भी विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि पर्वतारोहण के क्षेत्र में डॉक्टरों व मेडिकल टीम का विशेष महत्व है कि निश्चित उंचाई पर पहंुचने के बाद सामने आने वाली विषम परिस्थितियों का अपने मेडिकल ज्ञान व मेडिकल उपकरणों के सटीक प्रयोग से स्वयं व साथी पर्वतारोहियों का जीवन रक्षण करें। इस अवसर पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के अधिकृत हस्ताक्षरी प्रबन्धक विजय नौटियाल, कॉर्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ सलिल गर्ग, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी भूपेन्द्र रतूड़ी सहित मेडिकल छात्र-छात्राएं व फेकल्टी सदस्य उपस्थित थे।