ऋषिकेश स्थित एम्स में हाल ही में एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था, जिसमें एम्स में आउटसोर्सिंग के माध्यम से राजस्थान से 600 अभ्यर्थियों को जॉब दे दी गई थी। अभी इस मामले पर जांच चल ही रही थी कि एक और बड़ा गड़बड़झाला एम्स को लेकर निकल कर सामने आया है।
मामले के अनुसार, आउटसोर्स कर्मचारियों से सिक्योरिटी फीस के नाम पर उगाही का खेल चल रहा है। हर साल एम्स में सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है और नई नियुक्ति करने के नाम पर अभ्यर्थियों से 30 से 40 हजार सिक्योरिटी फीस ली जाती है।
एम्स में (प्रिंसिपल सिक्योरिटी एंड एलाइड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड और टीडीएस मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ) इन दोनों कंपनियों के माध्यम से आउट सोर्स कर्मचारियों की भर्ती की जाती है। आउटसोर्स कर्मचारियों ने इन दोनों ही कंपनियों पर आरोप लगाए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों ने बताया कि कई बार उनका वेतन भी काट लिया जाता है ।साथ ही उनसे जो सिक्योरिटी फीस ली गई है उसकी कोई स्लिप भी नहीं दी जाती। अगर कोई कर्मचारी इन चीजों के लिए आवाज उठाता है तो उसे नोटिस जारी कर नौकरी से निकाल दिया जाता है।
आखिर आउटसोर्स कंपनियों द्वारा युवाओं से इस तरह की ठगी कब तक राज्य में चलती रहेगी। कई बार आउटसोर्स कंपनियों को लेकर इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं लेकिन फिर भी इन पर कोई भी एक्शन नहीं लिया जा रहा।
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इन अनियमितताओं का संज्ञान लेती है या यह हुआ ही का खेल यूं ही चलता रहेगा।