उत्तराखंड में हर एक योजना को लूट का अड्डा बना दिया गया है। जहां देखो वहां भ्रष्टाचार मचा हुआ है।
हम यहां बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना की ।
मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के तहत राशन के कोटे पर दी जाने वाली चना दाल बहुत महंगी होने का आरोप लग रहा है।
उपभोक्ता को यह दाल बाजार में ₹60 प्रति किलो से कम दाम पर उपलब्ध है तो आखिर उसे राशन के कोटे पर यह दाल जबरन क्यों चिपकाई जा रही है l
हिमाचल प्रदेश में बीपीएल परिवारों को यही चने की दाल कोटे से तैतीस रुपए प्रति किलो और एपीएल परिवारों को ₹43 प्रति किलो की दर से दी जा रही है l वहीं उत्तराखंड में यह दाल ₹57 प्रति किलो राशन के कोटे पर दी जा रही है l
इसमें मजे की बात तो ये है कि दोनों प्रदेशों को दाल सप्लाई करने वाली एजेंसी भी एक ही है l जो एजेंसी हिमाचल को दाल सप्लाई कर रही है वही एजेंसी उत्तराखंड को भी दाल सप्लाई कर रही है l
ऐसी स्थिति में बीपीएल को दी जाने वाली दाल के दाम में ₹24 प्रति किलो का बड़ा अंतर,वहीं एपीएल परिवार के लिए भी दाल के रेट में ₹14 प्रति किलो का अंतर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
कांग्रेस नेता एवं ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड एनवायरनमेंट के अध्यक्ष भास्कर चुग ने आज विकास नगर में एक वीडियो जारी करके मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के तहत राशन के कोटे पर दी जाने वाली चना दाल को लेकर उत्तराखंड के उपभोक्ताओं को बहुत महंगी देने का आरोप लगाया।
उन्होंने प्रश्न उठाया कि क्या उत्तराखंड में दाल पर कोई सब्सिडी नहीं दी जा रही है ?
यदि सब्सिडी नहीं दी जा रही है तो फिर दाल आखिर राशन के कोटे पर क्यों उपभोक्ता को चिपका ई जा रही है?
उन्होनें कहा कि दाल के नाम पर उत्तराखंड की जनता को इस तरह से लूटने नहीं दिया जाएगा l