रिपोर्ट: रजत प्रताप सिंह
ऋषिकेश।
नगर निगम ऋषिकेश प्रशासन का विवादों से नाता टूटने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने सफाई हवलदार के ऊपर पूर्व में नौकरी लगाने के एवज में 20 हजार रूपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है और अब जबरन नौकरी से निकालकर दोबारा नौकरी पर रखने के लिए 50 हजार रूपये की डिमांड की जा रही है।
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गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व भी नगर निगम के सफाई कर्मचारियों पर त्रिवेणीघाट स्थित एक आरटीआई कार्यकर्ता की दुकान में जबरन घुसकर मारपीट करने के आरोप लगे थे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और इस संबंध में विभिन्न समाचार पत्रों में खबर भी प्रकाशित हुई थी। जिसमें सीधे तौर पर सफाई कर्मचारी नरेश खैरवाल का नाम सामने आया था। सफाई कर्मचारी नरेश खैरवाल पूर्व में भी कई बार विवादों में रह चुका है।
अब बाल्मीकि नगर निवासी मुनीष भारती ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम के सफाई हवलदार नरेश खैरवाल द्वारा पूर्व में उनके बेटे से नौकरी लगाने के एवज में 20 हजार रूपये की रिश्वत ली गई थी, जोकि उन्होंने कर्जे पर लेकर नरेश खैरवाल को उपलब्ध कराई थी। लेकिन कुछ दिन पूर्व उनके बेटे की तबीयत अधिक खराब होने पर वह काम पर नहीं जा सका। जिससे नाराज होकर सफाई हवलदार नरेश खैरवाल ने उसे काम से निकाल दिया। अब उनके द्वारा नरेश खैरवाल से बेटे को दोबारा नौकरी पर रखने की बात की गई तो सफाई हवलदार नरेश खैरवाल व सफाई निरीक्षक धीरेंद्र सेमवाल द्वारा उनके बेटे को नौकरी पर रखने के लिए 50 हजार रूपये की डिमांड की जा रही है। इतना ही नहीं इनके द्वारा नौकरी पर नहीं आने वाले सफाई कर्मचारियों से हाजिरी लगाने के लिए भी पैसे लिए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सफाई हवलदारों व सफाई निरीक्षकों द्वारा कई ऐसे कर्मचारियों को काम पर रखा गया है जो कभी नौकरी करने नहीं आते हैं और सफाई हवलदार ऐसे कर्मचारियों की हाजिरी भरकर उनसे 5 हजार रूपये महीना वसूल रहे हैं। उन्होंने बिना गलती के जबरदस्ती हटाए गए उनके बेटे सहित अन्य सफाई कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखने और मामले में संलिप्त निगम के इस सफाई हवलदार व निरीक्षक के खिलाफ जांच कर उचित कार्यवाही किए जाने की मांग की है। मांगे पूरी नहीं होने पर किसी भी अनहोनी के लिए नगर निगम प्रशासन जिम्मेदार होगा।
वहीं इस मामले में मुख्य नगर आयुक्त गिरीश चंद्र गुणवंत का कहना है कि मामला संज्ञान में है। मामले में सहायक नगर आयुक्त को जांच सौंपी गई है और जल्द जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। आख्या रिपोर्ट में अनियमितताएं पाई गई तो संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।