उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के भर्ती घोटाले मामले से चर्चाओं में आए जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह की त्रिवेंद्र सिंह रावत के राज में धमक की पोल खोलता पत्र आज सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय बना हुआ है।
इस पत्र से पता चलता है कि कैसे त्रिवेंद्र राज में हाकम के आगे पूरे का पूरा सिस्टम ही नतमस्तक हो चला था।
एक सरकारी ऑफिसर के यहां कुक से अपने जीवन की शुरुआत करने वाला हाकम देखते ही देखते इतना रसूखदार बन गया कि जब उसकी मां बीमार पड़ती है तो वह बस एक पत्र लिखता है और सरकार मददगार बनकर हेलीकॉप्टर उसके गांव में उतरवा देती है।
पूर्व प्रधान की हैसियत से हाकम डीएम को पत्र लिखता हैं और तत्कालीन डीएम चिट्ठी तुरंत आपदा सचिव को पहुंचा देते हैं। जिसके तुरंत बाद ही हेलीकॉप्टर हाकम के गांव उतार दिया जाता है।
यहां बड़ा सवाल यह बनता है कि क्या बस हाकम की मां को ही बेहतर इलाज की आवश्यकता थी या पर्वतीय क्षेत्रों में रह रहे अन्य लोगों को भी बेहतर इलाज मिलना चाहिए।
जिस प्रदेश का आम आदमी सरकारी डाक्टर और दवा के लिय तरस जाता हो उस प्रदेश के तत्कालीन मुखिया 2018 में नकल माफिया हाकम सिंह रावत के परिवार के इलाज के लिए देहरादून से उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर भेजते हैं।
जरा सोच कर देखिए जिस नकलमाफिया का उठना बैठना बड़े-बड़े सफेदपोश नेताओं और अधिकारियों के साथ हो तो उसने अपने भ्रष्टाचार की जड़ें कहां कहां तक फैलाई होंगी।
इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से ही एक बार फिर से हाकम सिंह के हाकिम त्रिवेंद्र सिंह रावत चर्चाओं में बने हुए हैं।