स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने कोविड काल के कारण छात्रसंघ चुनाव न लड़ सके प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने का मौका देने संबंधी दो वर्ष की छूट प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने की।
मामले के अनुसार कोरोना के चलते दो साल से छात्रसंघ चुनाव नहीं होने के कारण चुनाव लड़ने की उम्र में छूट दिए जाने को लेकर एच.एन.बहुगुणा महाविद्यालय खटीमा के छात्र पारस अग्रवाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
छात्रसंघ महासचिव पद पर दावेदारी कर रहे पारस अग्रवाल को न्यायालय ने राहत देते हुए कोरोना काल के चलते उम्र में दो साल की छूट का लाभ देने का आदेश कुलपति कुमाऊं विश्व विद्यालय और प्राचार्य खटीमा को दिया है। पारस 26 वर्ष की उम्र होने की वजह से चुनाव से बाहर हो गया था, जबकि चुनाव लड़ने के लिए अधिकतम उम्र 25 वर्ष होनी चाहिए थी। जिस पर न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने पारस को चुनाव लड़ने में दो वर्ष की छूट के आदेश दिए है।