स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- भारत के चंद्रयान3 की सफल लैंडिंग में सहयोग देने वाले वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक महेंद्र पाल सिंह ने आज अपने नैनीताल के पॉलिटेक्निक कॉलेज का दौरा कर अपने कॉलेज टाइम की यादें ताजा की। इस दौरान उनकी पत्नी रुपिंदर कौर और कोर्स मित्र गणेश उपाध्याय साथ रहे। उत्साहित कॉलेज प्रबंधन और छात्रों ने उनका भव्य स्वागत किया।
उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर निवासी महेंद्र पाल सिंह ने वर्ष 1982 से 85 तक राजकीय पॉलिटेक्निक के मैकेनिकल सेक्शन में एडमिशन लिया। वो आज पास आउट होने के 38 वर्ष बाद कॉलेज पहुँचे। महेंद्र पाल दोपहर लगभग 12 बजे
पत्नी रुपिंदर कौर और कोर्स मित्र गणेश उपाध्याय के साथ आए। कॉलेज में पूर्व छात्र का स्वागत कॉलेज के प्रधानाध्यापक आनंद सिंह बिष्ट ने अन्य शिक्षकों की मौजूदगी में किया।
महेंद्र पाल ने चंद्रयान3 की सफल लैंडिंग में सहयोग दिया था। वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक महेंद्र पाल ने इसरो जॉइन करने से पहले नैनीताल के पॉलिटेक्निक कॉलेज से अपना कोर्स पूरा किया था।इस दौरान पूर्व दर्जा राज्यमंत्री डॉ.गणेश उपाध्याय ने बताया की यू.आर.राव सैटेलाइट सेंटर (यू.आर.एस.सी.)बेंगलुरु के क्वालिटी एश्योरेंस ग्रुप में कार्यरत उनके बचपन के मित्र को मिशन चन्द्रयान3 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिला जो उन्होंने बखूभी निभाया।
वर्ष 1965 में जन्मे महेंद्र ने अपनी प्राथमिक और बेसिक शिक्षा यू एस नगर से पूरी की। महेंद्र, आगे की पढ़ाई के लिए थोड़े समय तक बी.एस.वी.इंटर कॉलेज जसपुर में रहे। महेंद्र का देशसेवा का मकसद अभी बांकी था, जिसके लिए उन्होंने नैनीताल के अग्रणी पॉलिटेक्निक कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए 1982 में एडमिशन लिया। वर्ष1985 में नैनीताल में अपना कोर्स पूरा करने के बाद वह अपने चचेरे भाई कृपाल सिंह कालरा के साथ लुधियाना चले गए जहाँ उन्होंने एक निजी कंपनी में एक साल तक काम किया। महेंद्र अगस्त 1987 में बैंगलोर में इसरो में शामिल हुए।
वह चंद्रयान-3 के असेंबली इंटीग्रेशन और परीक्षण के लिए मैकेनिकल क्वालिटी एश्योरेंस टीम के प्रमुख थे।
आज पॉलिटेक्निक कॉलेज में उनका स्वागत किया गया। महेंद्र ने छात्र छात्राओं को मोटिवेट करते हुए कहा कि उद्देश्य बनाकर लक्ष्य के लिए मेहनत करें, सफलता अवश्य मिलेगी।