उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर बाद अपडेट सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा,उत्तराखंड शासन इसकी तैयारी में लगा है।
सूत्रों के अनुसार, इस सत्र में समान अधिकार संहिता, राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण जैसे मुद्दे सदन में रखे जा सकते हैं।
दिसंबर महीने में होने वाले उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले सरकार विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित कर सकती है। जिसमें आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण विधेयक, समान नागरिक संहिता के अलावा समिट से पहले संशोधन विधेयकों के प्रस्ताव लाए जा सकते हैं।
सितंबर महीने में देहरादून में आहूत मानसून सत्र का सत्रावशान नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि ऐसे में विशेष सत्र के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव और राज्यपाल से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
आपको उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की फाइल जो प्रवर् समिति को दी गई थी तो प्रवर समिति अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को सौंप चुकी है। वहीं यूसीसी का फाइनल ड्राफ्ट भी सरकार को जल्द मिलने के संकेत हैं।
आपको याद होगा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आम चुनाव से पहले प्रदेश में यूसीसी लागू करने का वायदा किया था। सरकार बनने के बाद इसके लिए एक कमेटी गठित की गई। रिटायर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित कमेटी के द्वारा प्रदेश की हर एक विधानसभा से फीडबैक लिया गया। जिसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री सौंपी जानी बाकी हैं।
यह भी माना जा रहा है कि सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे मजदूरों को निकाले जाने के बाद सरकार विधानसभा के विशेष सत्र को आयोजित कर सकती है। विशेष सत्र की बात सीएम के अलावा मंत्री भी अपने बयानों में पहले कह चुके हैं।