उत्तराखंड देहरादून से स्टांप चोरी का एक बड़ा मामला पकड़ में आया है। 13 करोड़ रुपये की जमीन की रजिस्ट्री पर 34.42 लाख रुपये के स्टांप की कमी पाई गई। जिस पर अब अर्थदंड और ब्याज के साथ 56.11 लाख रुपये की वसूली की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजस्व क्षति को रोकने के लिए अधिकारियों को निरंतर सख्त निर्देश जारी कर रहे हैं। जिसके बाद जिला प्रशासन एक्शन में आया है और एक बड़ी स्टांप चोरी पकड़ में आ गईं।
दरअसल,दून के नामी उद्योगपति व बिल्डर सुधीर विंडलास ने जोहड़ी में जय माया क्षेत्री, अमर वीर लामा, निर्मला गुरुंग, रोमा, ऊषा थापा, पुष्पा लामा, रणवीर लामा, मधु थापा, अनूप बीर लाला, कविता लामा से 1.53 हेक्टेयर भूमि खरीदी।
रजिस्ट्री कराते समय भूमि की दूरी जोहड़ी जाखन मुख्य मार्ग से 350 मीटर से अधिक बताई गई। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) रामजी शरण शर्मा के मुताबिक जिला प्रशासन की जांच में पाया गया कि संपत्ति मुख्य मार्ग से 350 मीटर के अंतर्गत ही है,जिसके आधार पर स्टांप की कमी का बाद दायर किया गया।
जिला प्रशासन ने पाया कि सुधीर विंडलास की संपत्ति खरीद में मूल्यांकन उस समय के सर्किल रेट 8500 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से किया गया। इस दर के अनुसार संपत्ति का मूल्यांकन 13.005 करोड़ रुपये होता है। इस मूल्य पर नियमानुसार स्टांप शुल्क 65.02 लाख रुपये आंका गया। जबकि इस मामले में 30.60 लाख रुपये का स्टांप शुल्क ही अदा किया गया था।
अपर जिलाधिकारी कोर्ट ने पाया कि प्रकरण में 34.42 लाख रुपये की स्टांप चोरी की गई है। इस कमी पर प्रशासन ने 12.39 लाख रुपये का अर्थदंड, 9.29 लाख रुपये का ब्याज आरोपित किया।
कुल मिलाकर सुधीर विंडलास को 56.11 लाख रुपये अदा करने का आदेश दिया गया है।
वहीं, जिलाधिकारी सोनिका के मुताबिक संपत्ति के बड़े मामलों में स्टांप शुल्क की अदायगी को लेकर स्थलीय निरीक्षण भी किया जा रहा है। ताकि स्टांप चोरी की आशंका को खत्म किया जा सके। उन्होंने संपत्ति खरीदारों से अपील की कि उपयुक्त स्टांप शुल्क अदा किया जाए। ताकि अर्थदंड और ब्याज से बचा जा सके।