वन विभाग की टीम ने बेशकीमती काजल की गांठों के साथ चार नेपाली मूल के लोगों को गिरफ्तार किया है।
वन विभाग की हिरासत में काजल के चार तस्कर
वन क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में गठित वन क्षेत्राधिकारी, दक्षिणी जखोली की टीम द्वारा गुरुवार देर रात सघन चैकिंग के दौरान संदेह के आधार पर इनोवा वाहन यूके 07 एई 8600 को रोका जिसमें 202 नग काजल की गांठें बरामद हुई।
उप प्रभागीय वनाधिकारी देवेंद्र सिंह पुंडीर ने बताया कि वाहन एवं वन उपज को कब्जे में लेकर सीज कर न्यायालय में भेजा गया।
अवैध पातन एवं तस्करी में संलिप्त नेपाली मूल के अनिल पुत्र लोक बहादुर, गणेश सिंह पुत्र अनू बहादुर, भरत साईं पुत्र हरक साईं व गंगी पुत्र बीर बहादुर को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया।
उप प्रभागीय वनाधिकारी देवेंद्र सिंह पुंडीर ने बताया कि संलिप्त तस्करों द्वारा स्वीकार किया गया कि उनके द्वारा वन उपज तस्करी का कार्य उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश में भी किया जा रहा था। जिसकी सूचना तुरंत अन्य क्षेत्रों को देकर इनके गिरोहों को पकड़वाने का कार्य किया गया।
वन उपज तस्करी में यह गिरोह पिछले कई वर्षों से अत्यधिक सक्रिय रहा है इनके द्वारा वन तस्करी कर प्राप्त सामान को सहारनपुर में बेचा जा रहा है।
कुछ समय पहले वन विभाग के घर में हुई बेशकीमती चंदन के आठ पेड़ो की चोरी के बाद वन विभाग जब हरकत में आया तब वन विभाग के हाथ काजल के चोर लगे हैं तो कहीं ना कहीं वन तस्करों के इस पूरे नेटवर्क को लेकर भी काफी कुछ इन चोरों से मिल सकता है। बहरहाल अभी यह सवाल भी अहम है कि आखिर चंदन के तस्कर कब वन विभाग के हाथ लगेंगे?